राजभवन में दावा पेश करने के लिए प्रवेश करने और निकले के बीच बिहार की राजनीति पूरी तरह बदल गयी थी। शरद यादव, नीतीश कुमार और लालू यादव करीब एक घंटा तक राज्‍यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के साथ बातचीत की। इस दौरान अपने साथ विधायकों के समर्थक का गणित बताया और सरकार बनाने का दावा किया।unnamed (1)

वीरेंद्र यादव

 

लेकिन एक घंटे में समाजवादी रानजीति का पूरा समीकरण बदल चुका था। अलग-अलग रास्‍ते व वाहन से राजभवन पहुंचे लालू यादव और नीतीश कुमार जब राजभवन से बाहर निकले तो दोनों एक ही गाड़ी पर सवार थे। उसी गाड़ी में शरद यादव भी थे। राजभवन से निकलने के बाद तीनों ने पत्रकारों को संबोधित किया। इस दौरान शरद व लालू के बीच में नीतीश कुमार खड़े थे। नीतीश की दाहिनी ओर लालू व बायीं ओर शरद यादव खड़े थे। पत्रकारों से चर्चा के बाद जब काफिला नीतीश कुमार के आवास की ओर रवाना हुआ तो उस समय अगली सीट पर लालू यादव बैठे हुए थे। पिछली सीट पर शरद व नीतीश बैठे हुए थे।

 

लालू के भरोसे होगी नीतीश की राजनीति

कार की अगली सीट पर लालू के बैठने का मायने आसानी समझा जा सकता है। यह तय हो गया है कि नीतीश ने अब लालू के सामने हथियार डाल दिया है। आगे की रणनीति अब लालू यादव तय करेंगे और नीतीश उसके पीछे-पीछे चलेंगे। नीतीश कुमार की अपनी राजनीतिक मजबूरी है। वह बराबर दूसरों के वोट पर राजनीति करते रहे हैं। एनडीए के नाम पर भाजपा के वोट पर राजनीति करते रहे थे। अब वह आगे की राजनीति लालू के वोट पर करेंगे। नीतीश ने करीब 20 साल तक लालू विरोध की राजनीति त्‍याग कर लालू के सामने आत्‍मसमर्पण कर दिया था। अब लालू के पीछे चलने को भी तैयार हो गए हैं।

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