उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि बारह जिलों की 961 बसावटों को वर्ष 2019 तक आर्सेनिक मुक्त पेयजल उपलब्ध करा दिया जाएगा। श्री मोदी ने प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के मुख्यालय में गंगा के जीर्णोद्धार आर्सेनिक की समस्याओं के समाधान के लिए हितधारकों के साथ आयोजित बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुये कहा कि गंगा के तटवर्ती आर्सेनिक प्रभावित जिलों बक्सर,  भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, समस्तीपुर,  दरभंगा, भागलपुर, लखीसराय, बेगूसराय, खगड़िया एवं कटिहार के 961 बसावटों को 391.60 करोड़ रुपये खर्च कर अगले साल तक आर्सेनिक मुक्त पेयजल उपलब्ध करा दिया जायेगा। 

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के 11 जिलों के पेयजल में फ्लोराइड, नौ जिलों में आयरन और 13 जिलों में आर्सेनिक की समस्या है। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के समाधान के लिए भी सरकार प्रयासरत है। उन्‍होंने कहा कि राज्य के 20 शहरों में 4166 करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, गंगा किनारे के गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने, विद्युत शवदाह गृहों के जीर्णोद्धार एवं सघन पौधारोपण के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गंगा घाटों, शवदाह गृहों, सामुदायिक शौचालयों आदि के लिए 134 करोड़ रुपये की पांच योजनाएं स्वीकृत हैं।

श्री मोदी ने बताया कि 1169 करोड़ रुपये से पटना के बेउर, करमलीचक, सैदपुर, पहाड़ी और बक्सर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा करमलीचक, पहाड़ी, मोकामा, सुल्तानगंज, बाढ़, नौगछिया, दीघा, कंकड़बाग, भागलपुर, मुंगेर, बेगूसराय और हाजीपुर में सीवरेज के लिए 3715 करोड़ रुपये की योजना है।

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