पटना२५ मार्च। विशेष बच्चों की शैक्षणिक आकलन और मूल्याँकन विषय परभारतीय पुनर्वास परिषदभारत सरकार के सौजन्य से इंडियन इंस्टिच्युट औफ़ हेल्थ एजुकेशनबेउर मेंविगत २१ मार्च से आरंभ हुए५ दिवसीय सतत पुनर्वास शिक्षा प्रशिक्षणकार्यक्रम आज संपन्न हो गया। कार्यशाला के अंतिम दिन आयोजित समापनसमारोह में सभी ३० प्रतिभागी विशेषशिक्षकों को प्रशिक्षणप्रमाणपत्र प्रदान किया गया।

समारोह की अध्यक्षता करते हुएसंस्थान के निदेशकप्रमुख डा अनिल सुलभ ने कहा किविशेषबच्चों की पहचानपुनर्वास और शिक्षा मेंविशेष शिक्षकों की सबसे बड़ी भूमिका है। शिक्षा की इस विशेषपद्धति में निरंतर गुणात्मक विकास हो रहा है। इनमें निरंतर वैज्ञानिक और तकनीकी विकास भी हो रहे हैंजिनसेइन कार्य में लगे विशेषज्ञों और विशेषशिक्षकों को अवगत रहना चाहिए। इसीलिए इस विधा की तकनीकी परिषदभारतीय पुनर्वास परिषद नियमित अंतराल पर इस प्रकार के सतत पुनर्वास शिक्षा‘ कार्यक्रम कोनिबंधन और निबंधनदीर्घिकरण के लिए अनिवार्य कर रखा है।

डा सुलभ ने कहा किप्रदेश में विशेषबच्चों की संख्या की तुलना मेंविशेषविद्यालयों की संख्या नगण्य है। अनेक ऐसे प्रखंड हैंजहाँ एक भी विशेष विद्यालय‘ नहीं है। राज्य सरकार को यह सुनिश्चहित करना चाहिए किप्रत्येक प्रखंड में कमसेकम एक ऐसा विशेष विद्यालय अवश्य होजहाँ विशेष आवश्यकता वाले सभी क्षेत्रों के बच्चों की शिक्षा उपलब्ध हो।

औडियोलौजिस्ट ऐंड स्पीचपैथोलौजिस्ट डा धनंजय कुमारप्रो कुमारी पूर्णिमासंस्थान के विशेष शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो कपिलमुनि दूबेरजनी सिन्हा तथा प्रो समिता झा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अतिथियों का स्वागत संस्थान के प्रशासी अधिकारी सूबेदार मेजर एस के झा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन विशेष शिक्षिका सरिता कुमारी ने किया। इस अवसर पर अभिजीत पांडेयसमद अलीमहेंद्र कुमाररजनी कांति और संतोष कुमार समेत सभी प्रतिभागी उपस्थित थे।

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