पटना उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश राजेश बालिया की अध्यक्षता में गठित कोसी बांध कटाव न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट विधानसभा सत्र कें अंतिम दिन शुक्रवार को रखी गई। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मॉनिटरिंग सेल एवं इसके खराब प्रबंधन की वजह से बांध का कटाव हुआ, जो कोसी त्रासदी के लिए जिम्मेवार है। इस बीच सरकार ने अनुशंसा के आलोक दो कमटियों का गठन किया है, जो इसका अध्‍ययन करेगी।kusaha

 

छह साल बाद  कोसी के कुसहा तटबंध टूटने की जांच रिपोर्ट सामने आयी है। जस्टिस राजेश वालिया की अध्यक्षता में गठित जांच आयोग ने माना है कि जल संसाधन विभाग के आपसी समन्वय की कमी से कुसहा तटबंध टूटने की जानकारी सरकार को देर से मिली। साढे  सात सौ पन्‍नों की वालिया आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, जिस समय कुसहा में तटबंध टूट रहा था, वहां तैनात अधिकारियों ने सही निर्णय नहीं लिया।  घटना में आयोग ने किसी खास व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया है। पर, वीरपुर में तैनात मुख्य अभियंता से लेकर राज्य मुख्यालय में तैनात वरीय अधिकारियों पर भी सवाल उठाये हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्वी कोसी एफ्लक्स बांध पर तैनात तत्कालीन अधिकारियों को क्यों नहीं पर्याप्त सामग्री आपूर्ति की गयी, इसकी अलग से जांच की जरूरत है।  आयोग ने 2003-08 तक कुसहा तटबंध की मरम्मत पर हुए खर्च की जांच कराने की सिफारिश की है।

 

रिपोर्ट में चेतावनी व्यवस्था पर प्रश्न खड़े किए गए हैं और यह भी कहा गया है कि अनुभवहीन एवं अकुशल अभियंताओं को वीरपुर स्थित कार्यस्थल पर कटाव निरोधक एवं बाढ़ संघर्षात्मक कार्य में लगा दिया गया। आयोग ने कहा है कि 2008 की बाढ़ के पूर्व एवं पिछले पांच वर्षों में जल संसाधन विभाग के वीरपुर कार्यालय द्वारा कराए गए कटाव निरोधक कार्यो की जांच कराई जाए। न्यायिक जांच आयोग की अनुशंसा पर दो कमेटियों का गठन किया गया है, जो रिपोर्ट का अध्‍ययन करेगी और कार्रवाई का सुझाव देगी। आयोग ने अपनी अनुशंसा में कहा है कि तटबंध के बीच एवं इसके इर्द-गिर्द व नहरों पर अतिक्रमण के मामले में कड़ा रुख अपनाया जाए।

इकोलॉजिकल बैलेंस के उद्देश्य से सिंचाई व बाढ़ प्रबंधन योजनाओं के पर्यावरण प्रभाव का मूल्यांकन कराया जाए। विभिन्न नदी बेसिन में पर्याप्त संख्या में हाइड्रो मेट्रोलॉजिकल स्टेशन को स्थापित किया जाए। जल संसाधन विभाग में योग्य एवं कार्यकुशल अभियंताओं की नियुक्ति की जाए। संविदा पर नियुक्ति नहीं हो। गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के अभियंत्रण संवर्ग में बढ़ोत्तरी की जाए।

By Editor