बिहार विधानसभा में आज मुजफ्फरपुर अल्पावास गृह यौन शोषण मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराये जाने की विपक्षी की मांग के बीच सरकार ने आज कहा कि जहां 29 लड़कियों का यौन उत्पीड़न होने की पुष्टि हुई है, वहीं इस कुकृत्य में शामिल ग्यारह में से दस अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने भोजनावकाश के बाद शुरू हुई सभा की कार्यवाही के दौरान इस मुद्दे पर बिहार सरकार की ओर से बयान दिया कि राज्य में अल्पावास गृहों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से कई आवश्यक कदम उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि बालिकाओं की सुरक्षा के लिए अल्पावास गृहों में किन्नरों की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस) के सहयोग से सोशल ऑडिट की मानक प्रक्रिया तैयार कराई जा रही है।

श्री कुमार ने बताया कि बालिका गृह में रहने वाली 44 लड़कियों में से 42 की चिकित्सीय जांच करायी गई, जिनमें से 29 लड़कियों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हुयी है। उन्होंने बताया कि जानकारी मिलते ही मुजफ्फरपुर के महिला थाने में इस वर्ष 31 मई को भारतीय दंड विधान की अलग-अलग धाराओं के तहत संचालक समेत 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। मामला दर्ज होने के 48 घंटे के बाद बालिका गृह के संचालक सह मुख्य कार्यकारी ब्रजेश ठाकुर, किरण कुमार, मिनू देवी, मंजू देवी, इंदू कुमार, चंदा देवी, नेहा कुमारी, विकास कुमार, रवि कुमार रौशन और हेमा मसीह को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में सिर्फ अभियुक्त दिलीप कुमार वर्मा फरार है।

By Editor