ये तस्वीर कर्नाटक के ईमानदार आईएएस अधिकारी डीके रवि के घर की है.  भारत के सबसे प्रतिष्ठित प्रशासनिक सेवा के अफसर की सादगी देख कर आपका दिल भी उनके प्रति सम्मान से भर जायेगा.

डीके रवि- ईमानदारी की कीमत चुकाई
डीके रवि- ईमानदारी की कीमत चुकाई

इस तस्वीर में डीके रवि खाना खा रहे हैं और और कुछ लोगों के अलावा उनकी मां भी मौजदू हैं।

ट्विटर में यह तस्वीर इंडिया बिहाइंड द लेंस(IBTL) की ओर से ट्वीट की गई तस्वीर को देख कर आप दंग रह जायेंगे. ये तस्वीर कर्नाट में रहस्यमय मौत के शिकार ईमानदार आईएएस अफसर डीके रवि अपनी मां के संग हैं.

उनकी तस्वीरों से यह साफ पता चलता है कि रवि सादगीपूर्ण जीवन के आदी रहे.  पिछले दिनों रवि की लाश उनके घर पर मिली. उनकी मौत के बारे में कहा जा रहा है कि उन्हें बिल्डर्स लॉबी के कारण जान गंवानी पड़ी. हालांकि कर्नाटक सरकार का कहना है कि रवि ने आत्महत्या की. हालांकि इस मामले में आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर का कहना है कि मामले की हकीकत तो जांच के बाद ही सामने आयेगा पर उनका कहना है कि अगर मान भी लिया जाये कि रवि ने आत्महत्या की तो हमें सोचना होगा कि रवि ने किन हालात में ऐसे कदम उठाये.

 

सादगी ऐसी कि कुर्सी छोड़ जमीन पर बैठने से भी गुरेज नहीं
सादगी ऐसी कि कुर्सी छोड़ जमीन पर बैठने से भी गुरेज नहीं

दूसरी तरफ में रवि अपने रिश्तेदारों के संग केले के पत्ते पर खाना खा रहे हैं. उनकी यह जीवन शैली उनकी सादगी और परम्परागत सोच को उजागर करती है. इतना ही नहीं एक आईएएस अफसर की यह जीवन शैली, इतना जरूर बताती है कि वह कितने ईमानदार रहे होंगे क्योंकि वह जिस घर में बैठे हैं वह उनके मां-बाप का घर है.

डीके रवि की सादगी का आलम है ता कि वह जन समस्याओं को सुनने के दौरान अपनी कुर्सी में न बैठकर जनता के साथ जमीन पर आम लोगों के संग बैठ जाते ते. जनता को इतना सम्मान देने वाले अधिकारी को लोग कैसे भुला पाएंगे? आईबीटीएल की ओर से ट्वीट की गई इस तस्वीर में साफ दिख रहा है कि आईएएस रवि कितने साहसी और सरल स्वभाव के थे।

 

ऐसे थे  रवि

 

उनकी मौत के बाद कर्नाटक असेम्बली काफी हंगामा हुआ है वहीं बंगलुरू में लोग सड़कों पर उतर आये हैं. इस ईमानदार अफसर की मौत को कुछ लोग हत्या बता रहे हैं. राज्य सरकार ने रवि की मौत की जांच सीआईडी को सौंप दी है.

कहा जाता है कि आईएएस अफसर डीके रवि ने कर्नाटक के कोलार इलाके में भूमाफियाओ पर ऐसा शिकंजा कसा कि जमीन पर कब्जे की घटनायें खत्म हो गयीं और इसे कदम से रवि की लोक प्रियता आम लोगों में काफी बढ़ गयी. लेकिन पिछले अक्टूबर में राज्य सरकार ने उनका तबादला कर दिया. इस तबादले के खिलाफ कोलार के लोग सड़कों पर उतर आये और तबादले को रद्द करने की मांग करने लगे.

लेकिन जैसे ही रवि का ट्रांस्फर कर दिया गया उसके महीने दिन के अंदर रवि ने बतौर कमर्सियल टैक्स के एडिशनल कमिशनर, उन्होंने टेक्स चोरी करने वाली अनेक कम्पनियों के यहां ताबड़तोड़ छापेमारी करनी शुरू कर दी. यहां तक की रवि ने एक अंतरराष्ट्रीय बैंक पर भी छापा मार दिया. लेकिन तभी से वह माफिया के निशाने पर आ गये और उन्हें धमकिया मिलने लगीं.

 

By Editor