पुलिस मुख्यालय से मिलने वाली खबरों से पता चला है कि सारण से हटाये गये डीआईजी आलोक कुमार को निलंबित किये जाने संबंधी अनुशंसा राज्य सरकार को भेज दी गई है.

1997 बैच के इस आईपीएस अधिकारी पर एक शराब व्यवसायी से दस करोड़ रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगा था.

पिछले दिनों एक शराब व्यवसायी से मिली शिकायतों के आधार पर आलोक कुमार के मोबाइल को सर्विलांस जांच की गयी थी. उसके बाद आलोक को सारण डीआईजी पद से हटा कर पुलिस मुख्यालय बुला लिया गया था.

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दून वैली डिस्टीलर के प्रतिनिधि उमेश सिंह ने आरोप लगाया था कि डीआईजी आलोक कुमार उन पर दस करोड़ की रिश्वत के लिए दबाव बना रहे थे. दून वैली जो सहारणपुर की कंपनी है को राज्य सरकार ने गोपालगंज, सारण और दरभंगा में देशी शराब आपूर्ति का ठेका सौंपा है.

एडीजी रवींद्र कुमार पहले ही इशारा दे चुके हैं कि जांच की अंतिम रिपर्ट के आधार पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.

हालांकि यह बात भी सामने आई है के सरकार में कुछ बारसूख लॉबी अब भी इस बात के लिए प्रयासरत है कि डीआईजी को बचा लिया जाये.
आलोक जम्मू कश्मीर कैडर के अधिकारी हैं पर उन्हें वहां से बुला कर पटना का एसएसपी बनाया गया था. इसके बाद उन्हें पदोन्नति दे कर सारण का डीआईजी बनाया गया था.

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