एनडीए की नीतीश सरकार के लिए आज दूसरा टेस्‍ट हाई कोर्ट में होगा. इससे पहले नीतीश सरकार फ्लोर टेस्‍ट में सफलता हासिल कर चुकी है. बता दें कि पटना हाई कोर्ट के वकील दिनेश खुर्पीवाला ने एक जनहित याचिका दायर कर कहा था कि नीतीश कुमार की नई सरकार बनवाने में राज्‍यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने संविधान के निर्देशों का सही तरह से पालन नहीं किया. 

नौकरशाही डेस्‍क

उल्‍लेखनीय है कि बीते शुक्रवार 27 जुलाई को भाजपा – जदयू के अलायंस ने बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास किया था. एनडीए को 131 वोट हासिल हुए और राजद-कांग्रेस अलायंस को 108 वोट मिले. मगर सिंगल लार्जेस्‍ट पार्टी होने के बाद भी सरकार बनाने के लिए राज्‍यपाल की ओर से कोई बुलावा नहीं आया, जिसके बाद नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में एनडीए की सरकार सत्ता में आ गई.

दिनेश खुर्पीवाला ने इस प्रक्रिया में नियमों को ताक पर रखकर सरकार गठन का आरोप लगाते हुए एक जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर आज पटना हाईकोर्ट सुनवाई करेगा. बता दें कि इस मामले में विपक्ष के नेता तेजस्‍वी यादव ने भी सवाल उठाए थे और 26 जुलाई को आधी रात राजभवन मार्च के दौरान कहा था कि गवर्नर ने पहले नीतीश कुमार को 5 बजे शाम को शपथ लेने का टाइम दिया था. इसी बीच जब राजद के नेतृत्व में मैं सिंगल लार्जेस्ट पार्टी होने के नाते अपना दावा पेश करने गया तो मुझे दिन में ग्यारह बजे आने को कहा गया. लेकिन इसी बीच दस बजे ही नीतीश कुमार को शपथ दिलाने की घोषणा किस भय से कर दी गयी?

By Editor