मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश को आपदा प्रवृत्त (डिजॉस्टर प्रोन) राज्य बताया और कहा कि आपदाओं से होने वाली क्षति को कम करने के लिए हर समय तैयार रहने की जरूरत है।  श्री कुमार ने पटना विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ग्रस्त इलाकों में चलाये जा रहे राहत कार्य समेत कई महत्वपूर्ण विषयों पर आज प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की।

बैठक के दौरान बाढ़गस्त इलाकों में चलाये जा रहे बाढ़ राहत कार्य, आगामी त्योहारों की तैयारी, विधि-व्यवस्था की समस्या, शराबबंदी समेत अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा के  बिहार के संदर्भ में यह कहना मुश्किल है कि कब, कहां, कौन सी आपदा आ जाये। बिहार आपदा प्रोन राज्य है। हमें हर समय तैयार रहना है। हमें प्रैक्टिल एप्रोच से काम करना होगा। वज्रपात के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि आंध्रप्रदेश में वज्रपात के अनुमान की दिशा में काम किया गया है। इसी तरह का काम बिहार भी किया जायेगा। वज्रपात से आधा घंटा पूर्व उसकी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी, जिससे उस क्षेत्र के लोगों को मोबाइल के माध्यम से आगाह किया जा सकेगा। इससे जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है।

 

मुख्यमंत्री ने बाढ़ की चर्चा करते हुए कहा कि इस बार की अभूतपूर्व बाढ़ के मद्देनजर स्वयं पूरे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके अलावा अधिकारियों को भी निर्देश देकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कराया गया ताकि वे स्थिति का सही आकलन कर सकें। उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द नगद अनुदान उपलब्ध कराने निर्देश दिया। श्री कुमार ने कहा कि बकरीद से पूर्व प्रभावित परिवारों को निर्धारित मापदंड के अनुसार नगद अनुदान की राशि उपलब्ध कराने हरसंभव कोशिश होनी चाहिए। जिन पीड़ितों का खाता किसी बैंक नहीं है उनका जल्द से जल्द बैंक खाता खुलवाया जाये ताकि आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से राशि हस्तांतरित की जा सके।

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