बिहार चुनाव के दौरान आरएसएस के आरक्षण वाले बयान से उंगलियां झुलसा चुकी भाजपा ने इस बार काफी सतर्कता दिखाते हुए आरक्षण की मौजूदा पालिसी का समर्थन किया है.mohan-bhagwat-500

राजस्थान स्थित नागौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय सभा के आखिरी दिन  आरएसएस ने पिछले दिन कहा था कि जो लोग संपन्न वर्ग से आते हैं  नौकरी और शिक्षा में उन लोगों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए.

इसके बाद सोमवार को आरक्षण पर हुई चर्चा पर  राज्यसभा में सरकार को जवाब देना पड़ा.
संघ की सभा से निकली इस बात पर सरकार की ओर से राज्यसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मौजूदा आरक्षण की व्यवस्था पर कुछ भी फिर से सोचने की जरूरत नहीं है। जाति आधारित आरक्षण नीति जारी रहेगी।

जेटली ने राज्यसभा में कहा कि यह सरकार की नीति में कहा गया है कि आरक्षण की व्यवस्था वही रहेगी जो वर्तमान में है। जेटली ने कहा कि ‘संघ ने यह नहीं कहा कि आरक्षण को खत्म कर दिया जाए या फिर उसकी मौजूदा व्यवस्था में कोई बदलाव किया जाएगा।’

गौरतलब है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बिहार चुनाव के दौरान भी इस तरह का मुद्दा उठाया था. इसके बाद उनके इस बयान के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गयी थी. लालू प्रसाद ने तो यहां तक चुनौती दी थी कि भाजपा ने अगर मां का दूध पीया है तो आरक्षण खत्म करके दिखाये. विश्लेषकों का मानना है कि आरएसएस के इस बयान के चलते ही भाजपा को बिहार चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था. लेकिन इस बार आरएसएस के बयान पर अरुण जेटली ने राज्यसभा में विवाद को खत्म करने का प्रयास किया है.

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