पूर्वोत्तर रेलवे के बिहार में सारण जिले के छपरा जंक्शन पर तैनात रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के प्रभारी निरीक्षक समेत छह पुलिसकर्मियों को दुष्कर्म के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि जंक्शन पर चाइल्ड लाइन को सौंपी गयी पीड़ित महिला की काउंसिलिंग किये जाने के दौरान उसने अपनी आपबीती बताई जिसे सुनकर बालिका गृह के अधिकारी सन्न रह गए। इसके बाद रेलवे वरीय पदाधिकारियों को सूचित कर मेडिकल जांच कराया गया।

फिलहाल जांच रिपोर्ट मिल नहीं पाया है। इस मामले में छपरा बालिका गृह अधीक्षक ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए महिला थाना में आवेदन भी दिया है। मामले में रेलवे के अधिकारियों ने भी जांच शुरू कर दी है। बताया जाता है कि छपरा जंक्शन पर इस वर्ष 29 अक्टूबर को नाबालिग को आरपीएफ जवानों ने संदिग्ध हालत में पकड़ा था। नाबालिग होने के बावजूद परिवार वालों ने उसकी शादी कर दी थी। महिला सीवान जिले की रहने वाली है जबकि उसका ससुराल गोपालगंज जिले में है।

ससुराल वालों की मारपीट से परेशान होकर महिला अपने मायके आयी लेकिन उसे परिजनों का भी साथ नही मिला। इसके बाद वह छपरा जंक्शन पहुंची, जहां आरपीएफ के जवान ने संदिग्ध हालत में उसे पाया और उसे छपरा जंक्शन के पोस्ट पर ले गये।  महिला को चाइल्ड लाइन को सौंपने के लिए ले जाया गया लेकिन वहां के कर्मी ने मौके पर किसी महिलाकर्मी के नहीं होने का हवाला दिया। इसके बाद जवान महिला कॉन्स्टेबल को लिखित रूप से सुपुर्द करने के लिए नाबालिग को सरकारी आवास पर ले गये लेकिन उसे वहां नहीं रखकर उप निरीक्षक कक्ष में बंद कर दिया। इसके बाद कथित रूप से आरपीएफ जवानों ने उसके साथ दुष्कर्म किया।

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