इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार को जमकर कोसा. दिल्‍ली के तालकटोरा स्‍टेडियम में अपने संबोधन के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार देश की अर्थव्यवस्था को लैंड माइन्स पर बैठाकर चली गयी. 

नौकरशाही डेस्‍क

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि लोन डिफॉल्टर्स से सरकार एक-एक पैसा वसूल रही है. नामदारों’ ने फोन बैंकिंग के जरिये महज छह साल में लाखों करोड़ रुपये कुछ बड़े लोगों को बांट दिये. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से 2008 तक हमारे देश के सभी बैंकों ने कुल मिलाकर 18 लाख करोड़ रुपये की राशि ही लोन के तौर पर दी थी, लेकिन 2008 के बाद सिर्फ छह साल में यह राशि बढ़कर 52 लाख करोड़ रुपये हो गयी, ले जाओ, बाद में मोदी आयेगा रोयेगा, ले जाओ.

उन्‍होंने कहा कि कर्ज फंसे पैसे को छुपाने के लिए एक और साजिश रची गयी. देश को कहा गया कि सिर्फ 2 लाख करोड़ रुपये फंसे हैं. 2014 में जब हमारी सरकार बनी, तो बैंकों को सही हिसाब देने को कहा गया. तब पता चला कि 9 लाख करोड़ रुपये फंसे हुए हैं. ब्याज जुड़ने की वजह से यह राशि बढ़ती जा रही है. 2014 में सरकार बनने के कुछ समय बाद ही हमें अहसास हो गया था कि ये नामदार देश को ऐसी लैंडमाइन पर बिठाकर गया है, उस समय देश को बताया जाता, तो विस्फोट हो जाता. हमने एहतियात के साथ देश को संभाला.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले बैंक इनके पीछे पड़ते थे और हमने कानून ऐसा बनाया है कि अब ये खुद बैंक के पीछे दौड़ने लगे हैं. दिनोंदिन बैंकिंग सिस्टम मजबूत होने के साथ जांच एजेंसियों का शिकंजा कसने जा रहा है. इन बड़े लोन में से एक भी इस सरकार का दिया हुआ नहीं है. हमने आने के बाद बैंकों की दशा और दिशा बदल दी है.

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