अमेरिका का सुख-चैन लूटने वालों में सिर्फ पुरुष आतंकी ही नहीं हैं.जोएन केसिमर्ड वह महिला हैं जिनके नाम से अमेरिका कांपता था,तब अलकायदा का वजूद न था.एफबीआई ने जोएन पर एक अरब का इनाम रखा है.

अमेरिकी सिपाहियों को निर्ममता से मार डालती थीं जोएन केसिमर्ड
पुलिस को निर्ममता से मार डालती थीं केसिमर्ड

इस महिला आतंकवादी से अमेरिका की चिंता का अंदजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसकी जांच एजेंसी एफबीआई ने केसिमर्ड पर 20 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया है. इस संबंध में एफबीआई ने व्यौरा जारी किया है.

जोएन ब्लैक लिब्रशन आर्मी की सदस्य हैं गौरतलब है कि साल 1970-71 में जोएन पर न्यू जर्सी में एक फौजी की हत्या का मामला है. 1973 में जोएन और उसके दो साथियों को न्यू जर्सी पुलिसकर्मियों ने रोका था.बाद में अनेक घटनाओं में जोएन का नाम आया. फिर उन्हें उम्रकैद की सजा हुई लेकिन जोएन जेल की सलाखों से अमेरिकी रक्षातंत्र को धता बता कर भाग गयी थीं. जोएन के इस कदम से अमेरिकी सुरक्षा तंत्र की किरकिरी तो हुई ही इससे अमेरिका के स्वाभिमान को भी धक्का लगा था.

एफबीआई के मुताबिक, जवाब में जोएन और साथियों ने पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाईं थी,इसमें एक पुलिसकर्मी मारा गया.

जोएन की निर्ममता का आतंक अमेरिकी जनता और पुलिस दोनों पर था.
कहा जाता है कि वह स्थानीय पुलिस की बड़ी निर्ममता से हत्या किया
करती थीं. जब जोएन को न्यू जर्सी जेल में डाला गया तो मात्र दो साल के
बाद उनकी ब्लैक लिब्रेशन आर्मी के अतिवादियों ने जेल की दीवार को नसिर्फ
ध्वस्त कर दिया बल्कि अपने वैन को अंदर तक ले गये और जोएन को
आजाद कराकर भाग निकले

ब्लैक लिब्रेशन आर्मी ने एक दर्जन से ज्यादा पुलिस वालों की हत्या की है.और जोएन इसके महिला विंग का प्रतिनिधित्व करती थीं.

जोएन की निर्ममता का आतंक अमेरिकी जनता और पुलिस दोनों पर था. कहा जाता है कि वह स्थानीय पुलिस की बड़ी निर्ममता से हत्या किया करती थीं. जब जोएन को न्यू जर्सी जेल में डाला गया तो मात्र दो साल के बाद उनकी ब्लैक लिब्रेशन आर्मी के अतिवादियों ने जेल की दीवार को न सिर्फ ध्वस्त कर दिया बल्कि अपने वैन को अंदर तक ले गये और जोएन को आजाद कराकर भाग निकले. इस घटना के बाद अमेरिका में डर और दहशत का जबर्दस्त माहौल बना लेकिन जोएन वहां ठहरने के बजाये किसी अंजान जगह पर चली गयीं.बाद में बताया गया कि वह क्युबा में हैं.

जोएन एक ऐसे देश क्युबा भाग कर चली गयीं जो पारम्परिक रूप से अमेरिका को आंखें भी दिखाता रहा है. 1979 से अब तक उन्हें क्युबा से वापस नहीं लाया जा सका. क्युबा के साथ अमेरिका का एक्स्ट्रिडिशन ट्रीटी भी नहीं है जो उस पर इसके लिए दबाव बना सके.

बीबीसी के अनुसार क्युबा में इस समय 70 ऐसे लोग पनाह लिये हुए जिनकी तलाश अमेरिका को है.

By Editor