केन्द्र सरकार ने बिहार और झारखंड के लिए महत्वपूर्ण उत्तर कोयल जलाशय परियोजना के शेष निर्माण कार्य को पूरा करने की आज मंजूरी दे दी।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में 1972 में शुरू हुई इस सिंचाई परियोजना के शेष कार्यों को पूरा करने को मंजूरी दी गयी। इस परियोजना पर अब तक 1622 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और डैम तथा बैराज का निर्माण पूरा कर लिया गया है, लेकिन नहरों का निर्माण नहीं हो पाया है।


बिहार के विभाजन और कई अन्य बाधाओं के कारण 1993 में इस परियोजना पर काम बंद कर दिया गया था। इस परियोजना के शेष कार्यों को पूरा करने के लिए नाबार्ड के माध्यम से नौ हजार बीस करोड़ रुपए अर्जित किये जाएंगे। इस परियोजना के पूरा होने से उग्रवाद से प्रभावित बिहार के गया और औरंगाबाद तथा झारंखड के पलामू जिले में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया जा सकेगा। इस परियोजना के तीस माह में पूरा हो जाने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार ने वर्षों से लंबित 106 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का निर्णय लिया है, जिस पर बासठ हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे तथा इन परियोजनाओं को अगले दो तीन साल में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस साल 18 परियोजनाओं को पूरा किया गया था तथा 33 परियोजनाओं को अगले साल मार्च तक पूरा किया जाएगा।

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