महाराष्‍ट्र से भाजपा के लिए नींद उड़ाने वाली खबर ये है कि शिवसेना नेता ने उद्धव ठाकरे अपने विधायकों को साफ कर दिया है कि शिवसेना भले सत्ता में न आए लेकिन भाजपा नहीं आनी चाहिए. पहले ही शिवसेना नरेंद्र मोदी और राज्‍य की फड़ण्‍वीस सरकार से खफा है और कई मौके पर उनकी ओर से भाजपा के शीर्ष नेतृत्‍व की जमकर आलोचना की गई है. मगर अब भाजपा की रणनीति से उद्धव ठाकरे इतने परेशान हो गए हैं कि अपने विधायकों से दो टूक शब्‍दों में कह दिया कि पार्टी केवल 120 सीटों पर फोकस करेगी और जिसमें 70 से 75 सीट हर हाल में हासिल करनी होगी. 

नौकरशाही डेस्‍क

शिवसेना नेताओं की मानें तो भाजपा ने पिछले बीएमसी चुनाव के बाद से ही संबंध बिगाड़ लिए हैं. बता दें कि भाजपा ने मुंबई और ठाणे में भी शिवसेना के किले में सेंध लगा दी. 36 में से बीजेपी के 15 विधायक चुनकर आ गए हैं. साथ ही महानगरपालिका में भी शिवसेना के 84 कॉरपोरेटर हैं तो भाजपा के 82.  जाहिर है अब शिवसेना को अपने अस्तित्व पर संकट नजर आने लगा है. ऐसे में उद्धव की रणनीति साफ है कि पहले भाजपा को रोकना जरूरी है, क्योंकि कांग्रेस और एनसीपी से उनके वोट बैंक पर कोई खतरा नहीं है. खबर ये भी है कि उद्धव ने अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ मिलकर रणनीति बना ली है कि दिसंबर में सरकार से हाथ खींच लिए जाएंगे ताकि चुनाव अगर लोकसभा के साथ भी हो तो उनकी तैयारी पूरी रहे.

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