केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि कंपनियों को सोच समझकर अपने उत्पादों का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) निर्धारित करना चाहिये और इसे जरूरत से ज्यादा पाया जाता है तो इसकी सीमा भी निर्धारित की जा सकती है।  श्री पासवान ने नई दिल्‍ली में ‘राष्ट्रीय उपभोक्ता मेला’ का उद्घाटन करते हुये कहा कि कम्पनियों को उत्पादों का उचित मूल्य निर्धारित करना चाहिये और उसमें क्या-क्या पदार्थ हैं इसकी भी स्पष्ट जानकारी देनी चाहिये। वह पुलिस राज नहीं लाना चाहते हैं लेकिन उपभोक्ताओं की शिकायतों को भी नहीं सुनना चाहते हैं। ramvil

 
उन्होंने कहा कि केवल सरकार उपभोक्ताओं को जागरूक नहीं बना सकती है बल्कि इसके लिये कम्पनियों , उद्योगों समूहों , नियामक संस्थाओं तथा गैर सरकारी संगठनों को भी आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता वस्तुओं की गुणवत्ता को लेकर बड़े पैमाने पर शिकायतें आ रही है जिससे उद्योगों की बदनामी होती है।  श्री पासवान ने कहा कि खाने-पीने की वस्तुओं के अलावा दवाओं में भी मिलावट की जा रही है, जो चिन्ताजनक है । इसके अलावा घटिया पेयजल को भी बाजार में उतारा जा रहा है, जिस पर कार्रवाई किये जाने की जरूरत है। देश में बड़े पैमाने पर ई-कामर्स से सामानों की ब्रिक्री की जा रही है, जिसमें भी शिकायतें आ रही है । उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो से संबंधित कानून में 30 वर्षों के बाद बदलाव किया गया है और आशा की जा रही है कि अब सामानों की गुणवत्ता में बड़ा बदलाव आयेगा और कम्पनियों को गुणवत्तापूर्ण सामानों का उत्पादन करना होगा ।

By Editor