राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भारतीय चिकित्सा परिषद् (एमसीआई) की जगह राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग बनाने से संबंधित भारतीय चिकित्सा परिषद् संशोधन अध्यादेश 2018 को बुधवार को मंजूरी दे दी। इससे पहले केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने यह अध्यादेश जारी करने के प्रस्ताव का अनुमोदन कर इसे आज ही राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा था। सरकार ने अध्यादेश के जरिये उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर एमसीआई के कामकाज के लिए सात सदस्यीय संचालन मंडल का गठन किया है, जिसमें चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े शीर्ष विशेषज्ञों तथा देश के जाने-माने चिकित्सकों को शामिल किया गया है। इनमें से पांच सदस्य उच्चतम न्यायालय द्वारा 2016 में नियुक्त निगरानी समिति में भी थे। 

संचालन मंडल में शामिल सदस्यों में नीति आयोग के सदस्य डाॅ. वी के पाॅल, एम्स नयी दिल्ली के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया, पीजीआई चंडीगढ़ के निदेशक डा. जगत राम, निमहेन्स बेंगलुरु के निदेशक डा. बी एन गंगाधर, एम्स दिल्ली के प्रोफेसर डा. निखिल टंडन शामिल हैं। महानिदेशालय स्वास्थ्य सेवा के डा. एस वेंकटेश और आईसीएमआर के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव इसके पदेन सदस्य होंगे।

ये सभी सदस्य चिकित्सा क्षेत्र में नाम कमा चुके हैं और किसी भी तरीके से राजनीति से नहीं जुड़े हैं। संचालन मंडल चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में जरूरी बदलाव लाने की दिशा में काम करेगा और सभी को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने के कदम उठायेगा।

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