सुबूतों पर आंखें बंद कर सीबीआई ने मोदी सरकार के मंत्री उपेंद्र कुशवाहा का नाम एक घोटाले से हटा दिया. यह खेल टॉप लेवल से चला लेकिन एक अंग्रेजी वेबसाइट ने इन दस्तावेजों तक अपनी पहुंच बना ली जो बताते हैं कि कैसे कुशवाहा को बचाया गया.kushwaha

दीपक शर्मा, इंडिया संवाद

इंडियन संवाद के पास इस बात के पक्के सुबूत हैं कि कैसे उपेंद्र कुशवाहा एलटीसी लीव ट्रेवेल कंशेसन यानी यात्रा भत्ता घोटाले में शामिल थे.लेकिन सीबीआई डायरेक्टर ने सरकारी तंत्र में टॉप लेवल पर बैठे नेताओं के दबाव में उन्हें कैसे बचा लिया.

हालांकि फ्रॉड और भ्रष्टचार के इसी मामले में राज्यसभा के छह सांसदों को बुक कर दिया गया जबकि इसी मामले में उपेंद्र कुशवाहा छोड़ दिये गये.

उपेंद्र कुशवाहा की किस्मत ने उनका साथ दिया और उन्होंने जनता दल यू को छोड़ा और लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के संग आ गये. कुशवाहा के इस फैसले ने न सिर्फ उन्हें सीबीआई के शिकंजे से बचा लिया बल्कि उन्हें मंत्रिपद भी मिल गया.

एलटीसी घोटाला

नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के कुछ ही दिनों बाद सीबीआई ने लीव ट्रेवेल कंसेशन यानी एलटीसी घोटाले का पर्दाफाश किया. रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में भाजपा के एमपी जेपीएन सिंह, बीजेडी की रेणु बाला आरएलडी के अरशद मदनी, टीएमसी के सीटिंग एमपी डी बंगोपाद्याय व बीएसपी के बृजेश पाठक को दोखादड़ी यानी 420 के सेक्शन के तहत सीबीआई ने मामला दर्ज किया.

लेकिन इसी मामले में उपेंद्र कुशवाहा को छोड़ दिया गया. क्योंकि तब तक उन्होंने केंद में मंत्री का पद संभाल लिया था. इंडिया संवाद ने इस गुप्त दस्तावेज को अवलोकन किया और पाया कि इस में उपेंद्र कुशवाहा का भी नाम था.

कुशवाहा के खिलाफ केस करने की सिफारिश

सीबीआई के एसपी ने कुशवाहा के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुशंसा कर दी लेकिन सीबीआई के तत्कालीन डायेरेक्टर रंजीत सिन्हा ने उनके खिलाफ एक्शन लेने से गुरेज किया. ज्ञात रहे कि रंजीत सिन्हा खुद भी कई विवादों में घिरे रहे हैं और वह अब भी अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं.

सीबीआई की इस रिपोर्ट के अनुसार इन तमाम सांसदों, जिनमें कुशवाहा भी शामिल हैं, ने  हवाई जहाज का टिकट खरीद कर आनलाइन चेक इन करके बोर्डिंग पास यानी हवाई जहाज पर बैठने की अनुमति देने वाला पास भी हासिल कर लिया. हवाई जहाज में बैठने से पहले ही टिकट कैंसिल करवा दिया.इतना ही नहीं, इन्हीं टिकटों की बुनियाद पर इन सांसदों ने राज्यसभा सचिवालय में आवेदन करके यात्रा का भत्ता ले लिया.

 

कर्ट्सी-indiasamvad.co.in

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