प्रख्यात शिक्षाविद् अमरदीप झा गौतम ने एसएससी की प्रतियोगिता-परीक्षा पर उठते सवाल और धांधली की संभावना पर अपनी बात रखते हुये चिंता व्यक्त की है कि कैसे देश की प्रतिभाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

अमरदीप झा गौतम,पटना स्थित एलिट इंस्टिच्यूट के निदेशक हैं

 

भारत सरकार क्यों नहीं मान रही सीबीआई जाँच के लिए?
क्यों नही बदला जा रहा एग्जाम वेंडर सिफ़ी (Sify) को?

सबसे पहले एक राष्ट्रीय-पार्टी अपने कुछ MP के साथ AS के घर पर मीटिंग में ये निर्णय लेती है कि कौन-सी पोस्ट के क्या भाव लगाने है.

भाव तय होने के बाद ये लोग एसएससी चेयरमैन के साथ मीटिंग करते है और चेयरमैन को काम देते है की आप ये तय करो कि कौन से परीक्षा-स्थल पर आसान होगा चीटिंग कराना!

ऐसा होता है परीक्षा केंद्र फिक्स

अब आगे का काम होता है चेयरमैन का!
चेयरमैन अब सारे रीजनल डायरेक्टर अलग अलग क्षेत्र (NR, NWR,NER,SR,CR etc) के साथ मीटिंग करते हैं. इसमें ये निर्णय लिया जाता है कि कौन से परीक्षा-स्थल को टारगेट बनाना है, क्योंकि सारे परीक्षा स्थल पर तो चीटिंग कराना असंभव है.

अब रीजनल डायरेक्टर परीक्षा स्थल (Examination Centre) के मालिक के साथ मीटिंग करते हैं कि हमने कुछ लड़को की हेल्प करनी है, परीक्षा स्थल के मालिक मान जाते है, क्योंकि वो खुद प्राइवेट है और उनको सिर्फ पैसे से मतलब है…

इसप्रकार कुछ परीक्षा स्थल को फिक्स कर लिया जाता है.

अब सारे रीजनल डायरेक्टर ये फिक्स्ड परीक्षा स्थलों की लिस्ट चेयरमैन को भेजते है. चेयरमैन ये लिस्ट एग्जाम वेंडर को दे देते हैं कि इन्ही परीक्षा स्थलों पर चीटिंग करवानी है हमें.

अब उस पार्टी के MP अपने मिडिल मेन रखते है ताकि लोगो से पैसे ले सके जो नौकरी लेना चाहते है.
जिन लोगो ने एडमिट कार्ड रिलीज़ होने से पहले पैसे दे दिए उनको उन्ही फिक्स्ड परीक्षा स्थल में से एक परीक्षा स्थल दे दिया जाता है. ( प्रमाण के लिए आप Qmaths पर बहुत फोटोज पड़ी है वो देख सकते है).

ऐसी कुछ लोगों की मिलती है आंसर की

किसी भी ऑनलाइन परीक्षा से पहले सॉफ्टवेयर टेस्टिंग की जाती है, उसमे देखा जाता है कि प्रोपर क्लिक हो रहा है की नही, इमेज अपलोड हो रही है कि नहीं.
इस तरीके की चीज़े चेक की जाती है सॉफ्टवेयर टेस्टिंग के दौरान. जिन लोगो ने एडमिट कार्ड रिलीज़ होने से पहले पैसे दे दिए है, उनको सॉफ्टवेयर टेस्टिंग के दौरान ही पेपर निकाल के, सोल्व करके उत्तरतालिका (Answer Key) प्रोवाइड करा दी जाती है!

अब बात रही उन लोगो की जो एडमिट कार्ड रिलीज होने के बाद पैसे देते है.
उनका परीक्षा स्थल चेक किया जाता है जो उनको मिला है! अब होता ये है कि एग्जाम वेंडर के कर्मचारी उनके परीक्षा स्थल पर एक दिन पहले जाकर कुछ कंप्यूटर पर Ammyy Admin/Anydesk/TeamViewer जैसे सॉफ्टवेयर इनस्टॉल कर देता है ताकि परीक्षा के दौरान उसके कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस (Remote Access) हो सके!

इसी समय एग्जाम वेंडर के कर्मचारी परीक्षा-स्थल (Examination Centre) के मालिक को लडकों का रोल नंबर दे देते है और उसका बता देते है कि इन लडकों को इन्ही कंप्यूटर पर बैठाना है जिन पर रिमोट एक्सेस है, इसिलये आपने देखा होगा कि कुछ परीक्षा स्थल (Examination Centre) पर बायोमेट्रिक होने के बाद लडकों को PC नंबर randomly दिया जाता है.
ये Randomly PC नंबर इसी लिए दिया जाता है ताकि वो अपने लडकों को वो PC दे सके, जिस पर रिमोट एक्सेस है.

ऐसी स्थिति में आप मना भी कर सकते है कि सबको Serial number wise PC दिया जाये,लेकिन आप लोग कुछ बोलते ही नही हो. अब जिन PC पर रिमोट एक्सेस है, उन लडकों का पेपर बाहर से पेपर सॉल्वर बुला के पूरा करवा दिया जाता है.

रिमोट एक्सेस का कमाल

जिन लोगो का पेपर रिमोट एक्सेस से करवाया जाता है, वो पेपर के दौरान, पेपर सोल्व करने की एक्टिंग कर रहे होते है और रिमोट एक्सेस से उनके सारे उत्तर टिक हो रहे होते हैं ! इस तरीके से जेन्युइन कैंडिडेट (Genuine Candidate) सलेक्शन लेने से रह जाता है. ये स्कैम सिर्फ CGL में ही नही, एसएससी के सारे एग्जाम CPO, CHSL, MTS, JE, Steno, Constables, Selection Posts, Translator etc में भी हो रहा है.

यही कारण है की ऑनलाइन एग्जाम शुरू के बाद से इनकी फाइनल कटऑफ लगातार बढ़ रही है. इनकी फाइनल कटऑफ लगातार बढ़ रहा है.
एसएससी जिसको पहले “जूनियर यूपीएससी” कहा जाता था,
उसकी ये हालत हो जाएगी ऐसा किसी ने नही सोचा था.

एसएससी स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे है पिछले 5 दिनोंं से लगातार…

#SSC SCAM
प्राप्त सूचनाओं के आधार पर यह पोस्ट प्रकाशित…
जिसकी शत-प्रतिशत सत्यता की गारंटी नही, पर धांधली और जुड़े आरोपों से मुँह नहीं फेरा जा सकता.

जय हिन्द!
जय भारत!

By Editor