बिहार के विजिलेंस ब्यूरो के महानिदेशक पीके ठाकुर ने नौकरशाही डॉट इन को बताया है कि कैसे फूड इंस्पेक्टर की अकूत सम्पत्ति के बारे में उनकी टीम ने पता लगा लिया.

इर्शादुल हक

पटना में बुधवार को विजिलेंस ब्यूरो की छापेमारी में फूड इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार के पास करोड़ों की संपत्ति का पता चला है.दस्तावेजी तौर पर भले ही उनकी सम्पत्ति 8-10 करोड़ की हो पर बाजार भाव के लिहाज से यह 100 करोड़ से भी ज्यादा है.

सुरेंद्र कुमनार का भव्य भवन
सुरेंद्र कुमनार का भव्य भवन

पढिए पीके ठाकुर का इंटर्व्यू

पटना के अशोकनगर में 38 कट्ठा जमीन का होना अचरज की बात है.खासकर तब जब सुरेंद्र कुमार जैसे अधिकारी जिनके जीवन भर की नौकरी की आय 26 लाख के आसपास बनती है. राजगीर जैसे टूरिस्ट स्थान पर 23 एकड़ जमीन का पता चलने के बाद विजिलेंस के अधिकारियों के होश फाख्ता हो गये.इसके अलावा सोने के डेढ़ किलो के जेवरात, पुत्र और पत्नि के नाम पटना में अतिरक्त 12 कट्ठे की जमीन और गिनती जारी…

कैसे हुआ इतना बड़ा पर्दाफाश

विजेलेंस ब्यूरो के महानिदेशक पीके ठाकुर बताते हैं- हमें काफी दिनों से गुप्त सूचना मिल रही थी कि सुरेंद्र कुमार ने अकूत सम्पत्ति जमा कर रखी है.पर हम जबतक शिकायतों को ठोक बजा के परख नहीं लेते तब तक कोई कदम नहीं बढ़ाते. हमने महीनों अध्ययन किया. जब हमें विश्वास हो गया कि अब हम कार्रवाई करने के लिए मुनासिब साक्ष्य जुटा चुके हैं तो हमने छापेमारी के लिए हरी झंडी दिखा दी.

ठाकुर बताते हैं- सुरेंद्र ने 2010 में पटना में जमीनें खरीदी. 2010 में पटना में जमीन के आसमान छूते यह इशारा करते हैं कि यह करोड़ों करोड़ का खेल है. पर जो लोग काली कमाई को सफेद बनाने में जुटे हैं उन्हें हर हुनर पता होता है, सुरेंद्र भी इस में माहिर थे. इसलिए हमने भी उनके गिरेबान पर हाथ डालने के पहले काफी मश्क्कत की.

विजिलैंस ब्यूरो के महानिदेशक पीके ठाकुर
विजिलैंस ब्यूरो के महानिदेशक पीके ठाकुर

ठाकुर कहते हैं- हम ऐसी कोई भूल नहीं करना चाहते थे कि उलटे हमारी ही फजीहत हो.काले धन को सफेद बने के लिए सुरेंद्र ने ट्रस्ट बना रखा है. ऐसी स्थिति में हमारे लिए आगे बढ़ना एक चुनौति थी. लेकिन हमारी टीम ने इस गंभीर मामले की तह तक पहुंचने का सफल प्रयास किया. हमने पाया कि उन्होंने एक सरकारी अधिकारी की हैसियत से जो आय घोषित की है वही उनकी वास्तविक वेतन से काफी ज्यादा थी. उनके पास कोई पैतृक सम्पत्ति भी नहीं थी. ऐसे में हमारा काम आसान होता चला गया. और नतीजतन हमने छापेमारी का फैसला लिया.

पीके ठाकुर कहते हैं हमारे पास इस तरह की अभी कई और शिकायतें मौजूद हैं.हम उन पर गंभीरता से काम कर रहे हैं. हालांकि ठाकुर ने यह नहीं बताया कि अवैध सम्पत्ति अर्जित करने के मामले में और किन किन अधिकारियों पर कार्रवाई होने वाली है पर इतना इशारा जरूर दिया कि आने वाले दिनों में कई रिश्वतखोर अधिकारियों के गले में विजिलैंस का फंदा होगा.

By Editor

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