आरएसएस चीफ मोहन भागवत के बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के मुखिया ने जबरदस्‍त विरोध दर्ज कराया और कहा कि आरएसएस आग से खेल रहा है. इस पर कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए. ओवैसी ने भागवत के बयान को संघ और बीजेपी द्वारा राम मंदिर पर ‘निंदनीय’ बयान देकर गुजरात चुनाव में राजनीतिक फायदा लेने का अरोप लगाया. वहीं, भाजपा सांसद सुब्रह्मणयम स्‍वामी ने भागवत के बयान का समर्थन किया.   

नौकरशाही डेस्‍क

स्‍वामी ने भागवत को बड़ा दूरदर्शी बताते हुए कहा कि संघ प्रमुख सौ फीसदी सही बोल रहे हैं. इससे पहले ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद पर पांच दिसंबर को सुनवाई से पहले भाजपा और संघ ‘भय का वातावरण’ बनाना चाहते हैं. उन्होंने आशा जताई कि सुप्रीम कोर्ट इस घृणित षडयंत्र पर संज्ञान लेगा. यह बयान (मोहन भागवत) का न देश के लिए अच्छा है और न ही देश के सुप्रीम कोर्ट के लिए.

गौरतलब है कि शुक्रवार को राम मंदिर मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कर्नाटक के उडुपी में चल रही धर्म संसद के दौरान कहा था कि राम जन्मभूमि पर सिर्फ राम मंदिर ही बनेगा और कुछ नहीं बनेगा. उन्हीं पत्थरों से बनेगा, उन्हीं की अगवानी में बनेगा, जो इसका झंडा उठाकर पिछले 20-25 वर्षों से चल रहे हैं. बता दें कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आगामी पांच दिसंबर को होनी है.

 

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