30 नवम्बर को रिटायर हो रहे सीबीआई निदेशक अमरेन्द्र प्रताप सिंह का कहना है कि 2जी घोटाला उनके करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण केस था.

एपी सिंह न सुझाव दिया है के सीबीआई के निदेशक का कार्यकाल पांच साल किया जाना चाहिए.

अपने रिटायर्मेंट से दो दिन पहले उनहोंने नए निदेशक रंजीत सिन्हा को शुभकामना देते हुए उम्मीद जताई कि सिन्हा के नेतृत्व में सीबीआई नयी ऊँचाई तक पहुंचेगी.

सिंह ने रंजीत सिन्हा की निदेशक के रूप में नियुक्ति को सही ठहराते हुए कहा कि उन्हें यह जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक पारदर्शी तरीके से दी गई है.

भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेता सिन्हा की नियुक्ति का विरोध कर चुके हैं.इसके बावजूद सिंह द्वारा सिन्हा की तारीफ अहम मानी जा रही है.

सीबीआइ निदेशक के रूप में राष्ट्रमंडल खेल, आदर्श सोसाइटी, एनआरएचएम, टाट्रा ट्रक व कोयला ब्लॉक आवंटन जैसे बड़े घोटालों की जांच की महतवपूर्ण जिम्मेदारी निभायी है.

एपी सिंह 1974 बैच के झारखण्ड कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं.उन्होंने नवम्बर 2010 में सीबीआई निदेशक का पद ग्रहण किया था.

इससे पहले वह इस एजेंसी के विशेष निदेशक के पद पर थे.इसके अलावा सिंह सीमा सुरक्षा बल के अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर काम कर चुके हैं.उन्हें राष्ट्रपति पुलिस मेडल और इंडियन पुलिस मेडल से भी नवाज़ा जा चूका है.

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