बिहार कैड़र के आईएएस अफसर दीपक आनंद को सख्त मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले दिनों उनके अनेक आवासों पर छापामारी की गयी थी. अब खबर है कि उनके खिलाफ कार्रवाई जल्द होगी.

 

जनवरी में उनके व उनके परिवार से जुड़े अनेक आवासों पर छापामारी हुई थी. अधिकारियों का दावा है कि  इस दौरान उनकी आय से तीन करोड़ रुपये ज्यादा की सम्पत्ति का पता चला है.

अब बिहार का सामान्य प्रशासन उन पर आरोप का गठन करने की तैयारी में है. विभाग के सूत्र बताते हैं कि इस मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई होना तय है. संभव है कि उन्हें सस्पेंड भी कर दिया जाये. विभाग जल्द ही एक कमेटी के गठन की तैयारी में है. यह कमेटी इस पूरे मामले की जांच करेगी. इस दौरान दीपक से स्पष्टिकरण भी लेगी.

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गौरतलब है कि  4 जनवरी में निगरानी के आईजी रत्न संजय के नेतृत्व में  दीपक आनंद के पैतृक आवास सीतामढ़ी व उनकी ससुराल से जुड़े आवास के आलावा कटिहार मेडिकल कालेज के हास्टल, जहां उनकी पत्नी शिक्षा ग्रहण कर रही हैं, में भी छापामारी हुई थी.

निगरानी विभाग के अधिकारियों का दावा था कि इस दौरान दर्जनों बैंक अकाउंट्स, जमीन के कागजात, पटना के एक मॉल में दुकान आदि के दस्तावेज बरामद हुए थे.

सीतामढ़ी के मूल निवासी दीपक आनंद पिछले वर्ष तक सारण के डीएम थे. 2017 की मक्रसंक्रांति के अवसर पर लगने वाले पतंगोत्सव के बाद हुई नौका दुर्घटना के बाद उन्हें पद से हटा कर वेटिंग फार पोस्टिंग में डाल दिया गया था. तब से वह पटना के सर्किट हाउस में रहे रहे थे.

 

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