उर्दू के नामवर शायर कलीम आजिज के जीवन पर आधारित पुस्तक- ‘ऐसा शिकस्ता हाल गजल ख्वां  न आयेगा’ का विमोचन पटना के उर्दू भवन में आयोजित हुआ.

 

पुस्तक के रचनाकार  वसीम अहमद ने इस अवसर पर कलीम आजिज के जीवन और उनकी शायरी के कई अनछुए पहलुओं का उल्लेख करते हुए कहा कि आजिज साबह की शोहरत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है. उन्होंने इस पुस्तक में कुछ ऐसे अशआर को भी शालमिल किया है जो अप्रकाशित रही हैं.

 

कलीम की गजल पढ़ें-   वो शोख ए सितमगर तो सितम ढ़ाये चले है/ तुम हो के कलीम अपनी गजल गाये चलो हो

इस अवसर पर रहमानी सुपर30 के डायरेक्टर ओबैदुर्रहमान ने कलीम आजिज और उनकी शायरी को याद किया. उन्होंने मध्यपूर्व के देशों में आजिज के कई मुशायरों का किस्सा सुनाया.

समारोह का आयोजन सामाजिक संस्था बिसवास ने किया था. इस मौके पर तलहा रिजवी बर्क सम्मानित अतिथि के रूप में मौजूद थे. जबकि समारोह में बिहार उर्दू अकादमी के सचिव मुश्ताक अहमद नूरी,  पूर्व एमएलए इजहार अहमद, बिहार प्रशासनिक सेवा के इम्तेयाज करीमी, मुमताज अहमद खान, कौमी तंजीम के सम्पादक अशरफ फरीद और नूरुल इस्लाम नदवी ने भी अपने विचार रखे.

 

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