पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के किसान कार्यकर्ताओं से केंद्र सरकार द्वारा लाये गए भू-अर्जन अध्यादेश की असलीयत किसानों और आम जनों तक पहुँचाने का आह्वान किया है। सोमवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि केंद्र की साजिश लोगों को उनकी मर्जी के खिलाफ जमीन से बेदखल कर देना है। उन्होंने बताया कि 1894 का भू-अर्जन क़ानून गड़बड़ था, मगर इसे यूपीए की सरकार ने 2013 में संशोधित कर दिया था। भाजपा ने सत्ता में आते ही इसे पलट दिया।

 

श्री कुमार ने कहा कि किसानों को राज्य सरकार द्वारा दिया जाने वाले बोनस को अब केंद्र सरकार ख़त्म करने के कह रही है। धमकी दी जा रही है कि बोनस दिया तो राज्य में खरीद कि मात्रा कम कर दी जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने सत्ता में आने के लिए झूठे वादे किये और सत्ता में आते ही वादे भूल गयी। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा और आरएसएस की तोड़ने वाली बातों का जवाब हमें लोगों को जोड़ने वाली बातों से देना है|

 

पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र के स्मार्ट सिटी प्लान, किसानों द्वारा आत्महत्या, गरीबों के लिए शौचालयों का निर्माण, कच्चा तेल की कीमत कम होने के बावजूद पेट्रोल, डीजल की कीमतों में कम कमी, बाजारवादी अर्थव्यवस्था के नुकसान आदि विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला। इस प्रशिक्षण शिविर को पार्टी के राज्यसभा सदस्य हरिवंश, प्रदेश महासचिव और प्रशिक्षण प्रभारी सुनील कुमार, विधान पार्षद प्रो. रामवचन राय, कलमजीवी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष एसके वर्मा, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हरिशंकर प्रसाद, नीलेश कुमार और सुमन पारिजात आदि ने भी संबोधित किया।

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