जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक रहमान ने उलेमा के एक वर्ग पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि वे चार पैसों के लिए आरएसएस के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं और न्यूज चैनलों पर इस्लाम व मुसलमानों को बदनाम कर रहे हैं.

अशफाक रहमान

अशफाक रहमान ने प्रेस रीलीज जारी कर कहा है कि शरीयत कानून जैसे मुद्दे पर मुस्लिम संगठनों को अदालत में जाने की जरूरत ही नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर अदालत यह फैसला सुना दे कि नमाज नहीं पढ़नी है तो क्या मुसलमान नमाज पढ़ना छोड़ देंगे ? उन्होंने कहा कि हर हाल में नमाज पढ़ी जाती रहेगी. उन्होंने कहा कि शादी और तलाक पर जो कानून अल्लाह ने बना दिया है वही रहेगा. रहमान ने कहा कि सब बिगाड़ जाहिल और सियासी उलेमा के कारण है. उन्होंने कहा कि अदालत कह रही है कि तलाक सबसे बुरा अमल है. यही बात तो कुरान कहता है. लेकिन यह नहीं बताया जा रहा है कि तलाक का कौन सा तरीका सही है.

 

अशफाक रहमान ने इस बात पर चिंता जताई कि कोलकाता की टीपू सुलतान मस्जिद के इमाम के साथ बीते जुमा को जो हुआ वह सही नहीं हुआ. उन्हें मस्जिद में जलील किया गया और धक्कामुक्की तक की गयी. रहमान ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी खुल्लमखुल्ला कब्रिस्तान और शमसान और रमजान में बिजली की बात करते हैं तो उनका समाज उनकी आलोचना नहीं करता. इसी तरह लालू प्रसाद जब कहते हैं कि आरएसएस देश को बांट देगा तो भी कोई वावेला नहीं मचता लेकिन जब बेचारे मौलाना बरकती जैसे लोग कुछ बोल देते हैं तो उन्हें न सिर्फ इमामत के ओहदे से हटा दिया जाता है बल्कि उनकी पिटाई तक कर दी जाती है.

 

अशफाक रहमान ने हाल ही में जमशेदपुर के सरायेकेला की घटना के बारे में कहा कि सरे आम वहां मुसलमानों को घेर घेर का मारा गया लेकिन मुसलमान इतने बुजदिल हो गये हैं कि वे इस मामले में अपना विरोध तक दर्ज नहीं  कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज मुसलमान कहीं सुरक्षित नहीं है, न जेल में, न सफर में और न ही अपने घरों में. आज मुसलमान बुजदिल और नामरदों की टोली बन गये हैं. क्योंकि वह सच्ची बात कहने तक का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं.

By Editor