दिल्ली हाईकोर्ट ने  पुस्तक प्रकाशन में कॉपीराइट उल्लंघन के मामले में  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर 20 हजार का जुर्माना ठोका है. आद्री द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का अनुमोदन मुख्यमंत्री ने किया था.

अतुल कुमार सिंह ने आरोप लगाया था कि पटना स्थित एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा अपने सदस्य सचिव शैबाल गुप्ता के जरिए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुमोदन से प्रकाशित पुस्तक ‘स्पेशल कैटेगरी स्टेटस ए केस फॉर बिहार’ उनके शोध कार्य का चुराया हुआ संस्करण है.

समझा जाता है कि पुस्तक प्रकाशन के मामले में आद्री के सदस्य सचिव शैबाल गुप्ता पर विश्वास करना नीतीश कुमार को भारी पड़ गया.

गौरतलब है कि जब यह पुस्तक प्रकाशित हुई थी तब भी इस पर खूब विवाद हुआ था. लेकिन इस विवाद का कोई कानूनी आधार नहीं होने के कारण यह विवाद सतह पर नहीं आ सका था. लेकिन इसके बाद शोधकर्ता अतुल कुमार ने इसे कोर्ट में चुनौती दे दी.

इस मामले मेें मुख्यमंत्री को दोहरा झटका तब लगा जब  कोर्ट ने नीतीश कुमार पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ उस आवेदन को भी खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने अपना नाम पक्षकारों से हटाने का आग्रह किया था. शोधकर्ता और राजनेता ने दर्ज कराया था. याचिकाकर्ता ने शोध की चोरी कर किताब छापने का आरोप लगाया था.

इस मामले में मुख्यमंत्री ने हाईकोर्ट को यह बताया था कि इस वाद को लेकर उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता और उन्हें द्वेषपूर्ण मंशा से शर्मिंदा करने के लिए पक्षकार बनाया गया है, लेकिन हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि उनपर मुकदमा होने के पर्याप्त कारण हैं.

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