आये दिन तुगलकी फरमान सुनने को तो मिलते हैं, लेकिन रविवार को ट्विटर पर ‘तुगलकी महारानी’ ट्रेंड कर रही थी. वो इस वजह से कि राजस्थान की वसुंधरा सरकार दागी लोकसेवकों को संरक्षण देने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में अध्यादेश के जरिए संशोधन कर चुकी है और अब संशोधन को स्थायी बनाने के लिए विधेयक लाया जा रहा है. जिसका जमकर विरोध सोशल मीडिया पर विपक्ष द्वारा किया गया.

नौकरशाही डेस्क

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि ‘मैडम चीफ मिनिस्टर, हम 21वीं सदी में रह रहे हैं। यह साल 2017 है, 1817 नहीं’। वहींं आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्ववास ने राजस्थान सरकार को धमकी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने इस अध्यादेश को वापस नहीं लिया तो इसके खिलाफ राज्य भर में आंदोलन किया जाएगा. वहीं, सोशल मीडिया पर सरकार के इस फैसले पर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. गौरतलब है कि इस अध्यादेश में दागी लोकसेवकों का नाम पता उजागर होने से रोकने के लिए दुष्कर्म पीड़िता को संरक्षण देने वाली भारतीय दंड संहिता की धारा 228 ए के बाद धारा 228 बी जोड़ी गई है.

उधर,  ट्विटर पर #तुगलकी_महारानी टॉप पर ट्रेंड करने लगा और राजस्थान के इस फैसले की आलोचना की. कई यूजर्स ने कहा है, पाप का घड़ा भर गया #तुगलकी_महारानी ..छलक रहा है. हिमांशु ने लिखा है, वसुन्धरा राजे का अहंकार लगातार बढ़ता जा रहा है, सरकार गरीबो की अनदेखी कर रही है #तुगलकी_महारानी.

फेसबुक पर भी लोगों ने सरकार के इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. एक यूजर ने लिखा है, महारानी खुद को बचा ले लेकिन अपनी सरकार नहीं बचा पाएंगी. चाहे मोदी खुद क्यों न आ जाए इनके साथ.

 

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