केन्‍द्रीय जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा है कि बिहार में गंगा नदी के प्रवाह में बाधक गाद और खनन के विषय पर विचार करने के लिए उनके मंत्रालय में एक समिति गठित की जा रही है। आज छठे दिन बिहार में प्रवेश करने वाले सुश्री भारती के गंगा निरीक्षण अभियान के हिस्‍से के रूप में बिहार के सुल्‍तानगंज में गंगा चौपाल को संबोधित करते हुए जल संसाधन मंत्री ने कहा कि सुल्‍तानगंज में सीवेज शोधन संयंत्र लगाया जाएगा।

नौकरशाही डेस्‍क

उन्‍होंने गंगा सफाई के लिए राष्‍ट्रीय मिशन द्वारा चलाए जा रहे जैव विविधता तथा जल जीवन पुनर्स्‍थापन कार्यक्रम की चर्चा करते हुए कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत वानिकी और पौध रोपण गतिविधियां गंगा नदी के किनारे चलाई जा रही हैं, ताकि मिट्टी भूस्‍खलन को टाला जा सके और नदी में सीवेज तथा औद्योगिक कचरा जमा होने से रोका जा सके।

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि नमामि गंगे टीम सीवेज शोधन संयंत्रों को बनाने पर अथक कार्य कर रही है, ताकि पर्याप्‍त सीवेज शोधन क्षमता प्राप्‍त की जा सके और गंगा नदी के किनारे पर बसे शहरों और गांवों को खुले में शौच से मुक्‍त बनाया जा सके। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य में वर्तमान घाटों का कायाकल्‍प किया जाएगा और नये घाट भी बनाए जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए घाटों पर विश्राम कक्ष भी बनाए जाएंगे।

सुल्‍तानगंज में अपने संबोधन के बाद जल संसाधन मंत्री ने मुंगेर में सक्रिय संवाद सत्र का संचालन किया। यहां सुश्री भारती ने वानिकी विभागों, सीआईएफआरआई, भारतीय वन्‍य जीव संस्‍थान तथा एनईईआरआई के साथ गंगा नदी से जुड़े विभिन्‍न पहलुओं पर काम करने में एकसाथ होने की भी चर्चा की।

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