बीते दिनों गया के गुरारू में एक डॉक्टर के सामने उसकी पत्नी और बेटी से गैंगरेप मामले में राजद के नेता को तब भारी पड़ गया, जब उन पर पीडि़ता की पहचान उजागर करने का मामला दर्ज किया गया. कांड संख्या 130/18 के तहत राजद के प्रधान महासचिव आलोक मेहता, राजद महिला सेल की अध्यक्ष आभा लता, बेलागंज के विधायक सुरेंद्र यादव, जिला अध्यक्ष निजाम आलम, जिला महिला अध्यक्ष सरस्वती देवी समेत 10 अज्ञात लोगों को नामजद किया गया है.  

नौकरशाही डेस्‍क

दरअसल राजद का एक प्रतिनिधिमंडल आलोक मेहता के नेतृत्‍व में शुक्रवार को इस गैंग रेप कांड में पीडि़त परिवार से मिलने पहुंचा था. राजद नेताओं पर आरोप है कि वे मगध मेडिकल थाना में पीड़िता से जबरदस्ती मिलने, फोटो खिंचवाया और सभी के सामने ही पूरे घटनाक्रम को बता को कहा. इससे परेशान पीडिता ने अपने चेहरे से नकाब हटा दिया, जिससे उसकी व्यक्तिगत पहचान, गांव और अन्य जानकारी सार्वजनिक हो गयी.

उधर, इस मामले में राजद जांच टीम की अगुवाई करने वाले पूर्व मंत्री आलोक मेहता ने सफाई दी कि उनकी टीम ने पीड़िता का सम्मान करते हुए उससे और उसके पिता से सारी जानकारी ली है. वहीं, राज्‍य महिला आयोग भी राजद नेताओं पर सख्‍त कदम उठाने जा रही है. इस बाबत राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष दिलमणी मिश्रा ने कहा कि गया में हुई घटना जिसमें एक पिता के सामने उनकी पत्नी और और बेटी के साथ जो निंदनीय घटना हुयी है. इस घटना को लेकर आयोग बहुत ही सख्त कदम उठाने जा रही है.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी ने गया मामले में आरजेडी नेताओं की हरकत से किनारा करते हुए कहा कि इस मामले में राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है. जिस किसी ने पीड़ित लड़की की पहचान को उजागर किया उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

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