2019 में होने वाले लोकसभा के लिए देश चुनावी मूड में नजर आने लगा है. इसी क्रम में आज केंद्र की मोदी सरकार ने किसान कार्ड खेलते हुए पिछले 10 साल में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में सबसे बड़ा इजाफा किया और इसे 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया. इस फैसले को चुनावी साल में लिए गए लोकलुभावन फैसले के तौर पर देखा जा रहा है.

नौकरशाही डेस्‍क

वहीं, सरकार के इस फैसले को भाजपा नेताओं ने चुनावी वादा पूरा करने की ब्रांडिंग भी शुरू कर दी. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर पर लिखा कि मुझे अत्यंत खुशी हो रही है कि किसान भाइयों-बहनों को सरकार ने लागत के 1.5 गुना MSP देने का जो वादा किया था, आज उसे पूरा किया गया है. फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में इस बार ऐतिहासिक वृद्धि की गई है. सभी किसान भाइयों-बहनों को बधाई.कृषि क्षेत्र के विकास और किसान कल्याण के लिए जो भी पहल जरूरी हैं, सरकार उसके लिए प्रतिबद्ध है. हम इस दिशा में लगातार कदम उठाते आए हैं और आगे भी आवश्यक कदम उठाते रहेंगे.

देश के कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा ट्विट कर कि किसानों की आय दोगुनी करने के वादे को पूरा करने के लिए सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है.कैबिनेट ने खरीफ 2018-19 से सभी खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन की लागत का डेढ़ गुना या उससे अधिक कर दिया है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 तक देश के किसानों की आमदनी को बढ़ाकर दुगुना करने का संकल्प लिया है. केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा लिया गया आज का निर्णय इस दिशा में एक महत्वपूर्ण और कारगर कदम है. केन्द्र सरकार के इस निर्णय से जहां किसानों को अपनी फसलों का लाभकारी मूल्य मिलेगा वहीं इसका सकारात्मक प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा.

भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह ने कहा कि खरीफ फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में ऐतिहासिक वृद्धि को मंजूरी देने के लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट को बधाई देता हूं. यह किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह न केवल किसानों की उपज के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करेगा बल्कि उनके जीवन में भी गुणात्मक सुधार लाएगा. पहले किसानों के लिए प्रभावी फसल बीमा योजना और अब MSP में यह ऐतिहासिक बढोतरी, मोदी सरकार की “सबका साथ-सबका विकास” की दिशा में कटिबद्धता को प्रमाणित करती है. बिहार के उपमुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य पर आगे बढ़ती एनडीए सरकार ने धान के समर्थन मूल्य (MSP) में 160 रुपये की वृद्धि कर इसे 1750 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा की. 10 साल में पहली बार समर्थन मूल्य में इतना इजाफा किया गया है.

बता दें कि सीसीईए का यह निर्णय ऐतिहासिक है क्‍योंकि यह केंद्रीय बजट 2018-19 में घोषित  एमएसपी को उत्‍पादन लागत के मुकाबले कम से कम 150 प्रतिशत रखने के पूर्व निर्धारित सिद्धांत के वादे को पूरा करता है. कृषि लागत एवं मूल्‍य आयोग (सीएसीपी) ने सभी खरीफ फसलों के लिए एमएसपी की सिफारिश की है जो काफी हद तक घोषित सिद्धांत के अनुरूप है. बजट 2018-19 में 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्‍य को हासिल करने के लिए जरूरी कृषि नीति में बदलाव करने का संकेत दिया गया था. बजट में बेहतर आय सृजन के जरिए किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया गया था. नाइजर सीड (काला तिल) न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में 1827 प्रति क्विंटल, मूंग के एमएसपी में 1400 रुपये प्रति क्विंटल, सूरजमुखी बीज के एमएसपी में 1288 रुपये प्रति क्विंटल और कपास के एमएसपी में 1130 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि अप्रत्‍याशित है.

धान (सामान्य किस्म) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 200 रुपये बढ़ाकर 1,750 रुपये प्रति क्विंटल और धान (ग्रेड ए) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 160 रुपये बढ़ाकर 1,750 रुपये प्रति क्विंटल कर किया गया है. इसी तरह कपास (मध्यम आकार का रेशा) का एमएसपी 4,020 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,150 रुपये प्रति क्विंटल और कपास (लंबा रेशा) का एमएसपी 4,320 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,450 रुपये प्रति क्विंटल पर कर दिया गया. अरहर का एमएसपी 5,450 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,675 रुपये प्रति क्विंटल, मूंग का एमएसपी 5,575 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6,975 रुपये प्रति क्विंटल और उड़द का एमएसपी 5,400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,600 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है.

 

 

 

By Editor