छौड़ादानों प्रखंड में चहारदीवारी निर्माण में भयंकर लूट,BDO बेबस

छौड़ादानो प्रखंड में चहारदीवारी का निर्माण घटिया सामग्री से हो रहा है। मिट्टी से भरपूर लोकल बालू, घटिया ईंट और नाम मात्र सीमिन्ट से बन रही चाहर दीवारी दो- एक साल में ही ध्वस्त हो सकती है।

छौड़ादानों से नेक मोहम्मद की रिपोर्ट


प्रखंड की चहारदीवारी का काम करीब एक करोड़ चौबीस लाख के बजट का है।

छौड़ादानो प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रीमती नीरज सिंह तथा अंचलाधिकारी की नाक के नीचे चहारदीवारी का काम किया जा रहा है ।लेकिन ऐसा लकगत हक़ी की इन अफसरों की आंखें बंद हैं।

चहारदीवारी कार्य मे घटिया किस्म की सामग्री से कार्य कराया जा रहा है ।बालु की क्वालिटी यह है कि नजदीक मे तियर नदी की मिट्टी युक्त बालू सीमेंट घटिया किस्म का छड़ घटिया लग रहा है । बाउंड्रीवाल मे कही छड़ दिख रहा है, तो कही ढलाई में करेक साफ झलक रहा है।

घटिया सामग्री से हो रहा निर्माण

काम मे मनमर्जी का आलम यह है कि न ठेकेदार का आता- पाता है न ही ईंजिनियर का। सिर्फ मजदूर तथा मिस्त्री काम करते रहते हैं ।पूछे जाने पर ठेकेदार ने नौकरशाही डॉट कॉम से कहाँ कि उसे कुछ मालूम नही है।


छौड़ादानो की प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रीमती नीरज सिंह का कहना है कि ठीकेदार को कई पत्र दे दिया गया है पर वह कभी आया ही नहीं। उन्होंने कहा कि ठीकेदार की ओर से एक व्यक्ति आया भी तो मुझे कोई कागजात नही दिया ।हम लिखित मे पत्र दे दिये हैं ।हम को कुछ नही समझ रहा है ।हम रोक लगाने के लिए एसडीओ तथा जिला पदाधिकारी को लिख कर दे दिये हैं । बीडीओ ने स्वीकार किया कि उनके सामने मे घटिया बालु सीमेंट का उपयोग किया जा रहा है ।

बीडीओ का कहना है कि अगर उन्हें कागज मिलता तो वह अपने जे ई ई को मोनिटरिंग के काम मे लगा देतीं। उन्होंने कहा कि ईस घटिया काम ओर रोक लगना ही चाहिए

इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर प्रखंड विकास पदाशिकारी बेबस क्यों हैं? क्या इस ठीकेदार की पहुँच सीधा ऊपर के अफसरों तक है जिनकी यह पर जनता की गाढ़ी कमाई के टेक्स के पैसों की लूट मची है?

By Editor