बिहार में नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने के फैसले पर जदयू के सांसद अली अनवर ने ही सवाल उठा दिए हैं. उन्‍होंने नीतीश कुमार के इस कदम पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मेरा जमीर इस‍की इजाजत नहीं देता है कि मैं इस कदम का समर्थन करूं.

नौकरशाही डेस्‍क

अली अनवर ने कहा कि बिहार की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 30 सभाओं के बाद भी सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ महागठबंधन में विश्वास दिखाया था, जिसमें राजद और कांग्रेस सहयोगी पार्टी थी. सांसद के अनुसार, मेरा मानना है कि जिस बात को लेकर हम भाजपा से अलग हुए वो कारण मौजूद हैं. भाजपा कट्टरता के मामले में और तेजी से आगे बढ़ रही है. देश में भय का माहौल है. यह बिहार का नहीं, देश का मसला है.

उन्‍होंने कहा कि मेरा जैसा आदमी सांप्रदायिकता-कट्टरता के हमेशा खिलाफ रहा है. नीतीश जी ने अपनी आत्मा की आवाज पर भाजपा के साथ जाने का फैसला किया, लेकिन मेरा जमीर इसकी इजाजत नहीं देता कि मैं उनके इस कदम का समर्थन करूं. सरकार के गठन पर उन्‍होंने कहा कि कायदे से सरकार बनाने का मौका तो उसे मिलना चाहिए, जिसके पास ज्‍यादा संख्‍या बल ज्‍यादा हो. मगर जिस तरह से घटनाक्रम हुए हैं, उस पर बिना विश्‍लेषण के कुछ भी कहना सही नहीं है. बता दें कि नीतीश ने बुधवार को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। वो महागठबंधन छोड़कर चार साल बाद एकबार फिर एनडीए के साथ आ गए हैं।

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