पटना के दो बड़े हिंदी अखबारों के 4 नवम्बर के अंक देखिए. आप पायेंगे कि एक कार्यक्रम को कवर करने में हिंदुस्तान और जागरण में होड़ लग गयी. इस पर हिंदुस्तान ने पांच तो जागरण दो खबरें बनायीं. आखिर क्यों?

जागरण की क्लिपिंग
जागरण की क्लिपिंग

नौकरशाही डेस्क

भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाशपति मिश्र की दूसरी पुण्यतिथि जिसे ‘नमन ‘ समारोह नाम दिया गया, पर हिंदुस्तान ने पेज नम्बर दो और छह पर तीन तस्वीरों समेत पांच खबरें लगायीं हैं. खबर को हिंदु्स्तान ने कितना महत्व दिया इसका अंदजा इससे लगाया जा सकता है कि  अपने ‘राजकाज’  वाले पेज, जो पूरे बिहार के लिए है उस पर छह कॉलम समेट दिये.

दूसरी तरफ जागरण ने पेज एक और पेज दो पर दो तस्वीरें और दो खबर टॉप पर छापी हैं. भले ही जागरण ने कैलाशपति मिश्र की बरसी पर दो खबरें दी हैं पर पेज एक पर टॉप खबर छाप कर उसने  मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की खबर को बौना साबित करने की कोशिश की है. जबकि जीतन राम मांझी केंद्रीय बिजली मंत्री पीयुष गोयल से मिल कर राज्य के लिए  24 घंटे बिजली देने का आश्वासन लेने में कामयाब रहे. यह खबर बिहार की 10 करोड़ जनता के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन जागरण को लगा कि उससे  भी महत्वपूर्ण खबर कैलाशपति मिश्र की पुण्य तिथि ही है.

हालांकि हिंदुस्तान ने कैलाशपति मिश्र की पुण्यतिथि वाली खबर पेज एक पर नहीं लिया है लेकिन उसने इस कमी की भरपाई पेज दो और पेज छह पर कर दी है. महज एक कार्यक्रम की पेज दो और पेज छह पर कुल पांच खबरें और तीन तस्वीरें प्रकाशित करके.कैलाशपति मिश्र वाले समारोह को इतनी प्रमुखता क्यों दी गयी इसका जवाब ये दोनों बड़े अखबार ही दे सकते हैं. पर सवाल यह है कि यह पूछे कौन और किस हैसियत से?

खबर पचा जाने की पत्रकारिता

लेकिन जहां तक इस कार्यक्रम के कवर करने और पत्रकारिता का सवाल है तो हिंदुस्तान ने जागरण की तुलना में कुछ हद तक नीर्भीकता बरती है. इस कार्यक्रम में भाजपा के सांसद भोला सिंह ने गरजते हुए भाजपा नेतृत्व को चुनौती दी कि उनकी जाति  यानी भूमहिरा  को पोसुआ न समझे भाजपा. इस खबर को हिंदुस्तान ने तो लगाया है पर जागरण इसे गुम कर गया है. फिर वही सवाल है कि जागरण ने ऐसा क्यों किया?  पाठक चाहे जो अनुमान लगा लें. यहां सवाल यह भी है कि एक खबर को जरूरत से ज्यादा तरजीह दे कर इन अखबारों ने कुछ महत्वपूर्ण खबरों की बलि तो जरूर ली होगी.

दैनिक भास्कर व प्रभात खबर

जहां तक इस कैलाशपति मिश्र से जुड़े समारोह पर एक तीसरे अखबार दैनिक भास्कर का सवाल है तो उसने इस खबर को पेज एक पर जगह तो दी है पर मुख्यमंत्री मांझी और पीयुष गोयल की मुलाकात को ज्यादा महत्व देना जरूरी समझा है. इसी तरह प्रभात खबर ने भी मुख्यमंत्री मांझी और केंद्रीय बिजली मंत्री की मुलाकात की खबर को पेज एक पर प्रमुखता देते हुए बताया है कि बाढ़ और कांटी के बिजली घरों का उद्घाटन 15 नवम्बर को किया जायेगा.

किसी खबर को कितनी   प्राथमिकता देनी है यह  सम्पादक को  तय करना होता है. पर एक सजग पाठक किसी अखबार की खबरों के चयन के तरीकों से उस अखबार के रुझान को तो समझ ही लेता है.

By Editor

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