राजधानी दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा किवैदिक काल में हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं था बल्कि सनातन धर्म हुआ करता था। आज जो कुछ हो रहा है वो धर्म नहीं है। जिस दिन हम कहेंगे कि हमें मुसलमान नहीं चाहिए उस दिन हिंदुत्व नहीं रहेगा। उन्होंने ये भी कहा कि आरएसएस सरकार को नियंत्रित नहीं करता है और देश संविधान के अनुसार से ही चलेगा।

नौकरशाही डेस्क

भागवत ने कहा कि देश संविधान के द्वारा तय की गई व्यवस्था के हिसाब से ही चलेगा। सर सय्यद अहमद खान का उदहारण देते हुए कहा कि जब उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई पूरी की तो लाहौर में आर्य समाज ने उनका अभिनंदन किया, क्योंकि वे मुस्लिम समुदाय के पहले छात्र थे जो बैरिस्टर बने थे। उस समारोह में सर सय्यद अहमद ख़ान ने कहा कि मुझे दु:ख है कि आप लोगों ने मुझे अपनों में शुमार नहीं किया।

उन्होंने कहा, ‘सभी मतों के तत्तव ज्ञान को हम हिन्दू धर्म कहते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि हिन्दू मत कहो, भारतीय कहो। बात तो एक ही है। हिन्दू शब्द के रहने से भारतीय स्वभाव नहीं बदलेगा। नागपुर से देश चलने के आरोपों पर भागवत ने कहा कि यह पूरी तरह गलत है कि नागपुर से फोन आते हैं और सरकार में बैठे लोगों को निर्देश दिए जाते हैं। यदि उनको (भाजपा) सलाह की जरूरत होती है, तो वो पूछते हैं। हम सलाह दे सकते हैं तो देते हैं, लेकिन उनकी राजनीति और सरकार की नीतियों पर हमारा कोई प्रभाव नहीं है।

उन्होंने कहा कि भारत में शक्ति का केंद्र भारत का संविधान है, उसके अलावा कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि संघ के खिलाफ संविधान के उल्लंघन का एक ही भी उदाहरण नहीं। भागवत बोले ‘संघ ने अपने सदस्यों से कभी भी नहीं कहा है या कभी नहीं कहेगा कि वो राजनीति में हस्तक्षेप करें। हम राष्ट्रनीति पर बोलते हैं, हम इसके बारे में छुपकर नहीं बोलते हैं। हिन्दू और भारतीय, बात तो एक ही है’सभी मतों के तत्तव ज्ञान को हम हिन्दू धर्म कहते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि हिन्दू मत कहो, भारतीय कहो। बात तो एक ही है। हिन्दू शब्द के रहने से भारतीय स्वभाव नहीं बदलेगा। मालूम हो कि दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण’ नाम से आयोजित किया जा रहा है।

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