वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू होने से देश के करीब 12 राज्यों के राजस्व में जहां उल्लेखनीय वृद्धि आयी है,वहीं चार राज्यों में कमी आने तथा केरल और गुजरात में राजस्व में स्थिरता रहने के मद्देनजर राजस्व में घटबढ़ का अध्ययन करने के लिए सात सदस्यीय मंत्री समूह बनाने का निर्णय लिया गया है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में शनिवार को हुयी जीएसटी परिषद की 31वीं बैठक में इस पर विचार विमर्श किया गया। श्री जेटली ने संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुये कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए वर्ष 2015-16 को आधार वर्ष माना गया है। इसमें हर वर्ष 14 फीसदी की बढोतरी का अनुमान लगाया गया था जिसके आधार पर वर्ष 2015-16 के राजस्व में चालू वित्त वर्ष में करीब 50 फीसदी की बढोतरी का अनुमान था लेकिन जीएसटी के तहत यह अनुमान बहुत की महत्वाकांक्षी है। इस अनुमान से राज्यों के राजस्व में बढोतरी नहीं हुयी है।

उन्होंने कहा कि पुड्डुचेरी, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब के राजस्व में कमी आयी है। जीएसटी से पहले पंजाब में 14 प्रतिशत विक्रय कर लगता था लेकिन जीएसटी के बाद इसके समाप्त होने से उसका राजस्व घटा है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के आईजीएसटी राजस्व में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि जीएसटी से बिहार के राजस्व में 18 प्रतिशत की उल्लेखनीय बढोतरी हुयी है। मध्य प्रदेश और त्रिपुरा के राजस्व में पहले की तुलना में बढोतरी कम हुयी है।

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