झारखंड की मुख्य सचिव राज बाला वर्मा इन दिनों राज्य की क्षवि सुधारने में लगी है. वह घूम-घूम कर बता रही हैं कि माओवादी हिंसा की घटना नियंत्रित हुई है राज्य में शांति है. आखिर ऐसा वह क्यों कर रही हैं?

राजब बाला वर्मा ( फोटो साभार टेलिग्राफ)
राजब बाला वर्मा ( फोटो साभार टेलिग्राफ)

 

झारखंड की मुख्यसचिव राज बाला वर्मा इन दिनों राज्य में निवेश के लिए निवेशकों को लुभाने में लगी हैं. इसके लिए वह यह समझाने की कोशिश में जुटी हैं कि राज्य में नयी सरकार के आने के बाद शांति का माहौल है. कोलकाता में निवेशकों के सम्मेलन में हिस्सा लेते हुआ कहा कि इस वर्ष झारखंड में कोई बड़ी माओवादी हिंसक घटनायें नहीं हुई.

वर्मा ने कहा कि माओवाद प्रभावित इलाकों में सामाजिक और आर्थिक गतिविधियां बढ़ कर हिंसा पर लगाम लगाने में कामयाबी मिल रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार माओवादियों के लिए खुली जेल के विकल्प पर काम कर रही है इसके तहत अगर कोई माओवादी आत्मसमर्पण करता है तो वह अपने परिवार और बच्चों के साथ खुली जेल में रह सकता है.

उन्होंने कहा कि यह प्रयोग काफी सफल साबित हो रहा है. इस योजना के तहत सरकार उन्हें क्षतिपूर्त भी दे रही है. वर्मा ने कहा कि झारखंड सरकार पश्चिम बंगाल स्थित कम्पनी आईटीसी,  सेंच्युरी पोलीबोर्ड सरीखे अन्य कम्पनियों से निवेश करने पर बात कर रही है.

दर असल राज्य के मुख्यमंत्री अन्य राज्यों से निवेश लाने की कोशिश में लगे हैं. उनका दावा है कि पिछले  सालों में 40 हजार करोड़ का निवेश राज्य में हो रहा है. वह चाहते हैं कि राज्य में निवेश की गति बढ़ाई जाये. राज बाला वर्मा सीएम रघुबर दास के इस मिशन को सफल बनाने में जुटी हैं.

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