इंटरमीडिएट मेधा घोटाले का प्रमुख आरोपी बच्चा राय ने सिर्फ पास-फेल या टॉपर बनाने के मामले में ही अकुत संपत्ति नहीं कमाई बल्कि लगभग साठ एकड़ खेतीहर जमीन पर जबरन भी कब्जा कर रखा है।bachcha.rai

विनायक विजेता, पटना
उसने अपनी उपरी पुहंच और अपनी दबंगता के बल पर भगवानपुर-मुजफ्फरपुर मुख्य मार्ग के किनारे यह जमीन कब्जा कर रखा है. गरीबों की जमीन पर जबरन कब्जा, हल्का विरोध करने वाले जमीन मालिकों को बाजार दर से काफी कम रकम देकर जमीन लिखवा लेना बच्चा राय के फितरत में शामिल रहा है।

बच्चा राय ने अपने व्यवसाय की शुरुआत अस्सी के दशक में भगवानपुर के पास एनएच के किनारे एक लाइन होटल खोलकर की थी। पटना से उत्तर बिहार जाने के रास्ते कई राजनेता बच्चा राय के लाइन होटल पर रुकते थे। यहीं से बच्चा राय ने राजनेताओं के साथ अपनी प्रगाढ़ता और पैठ बनानी शुरु कर दी। सूत्र बताते हैं कि जमीन कब्जा करने में बच्चा राय ने ऐसी दबंगता दिखायी कि दो जमीन मालिकों ने अपनी जमीन गंवाने के शोक में दम तोड़ दिया।

 गरीब की झोपड़ी के चारों तरफ बाउंड्री मरवा दी

हाल के दिनों में बच्चा राय की नजर एनएच किनारे की एक जमीन पर लगी। उसने पिछड़ी जाति से आने वाले उस जमीन मालिक जो अपनी जमीन पर एक झोपड़ी बनाकर रह रहा है से जमीन बेचने का दवाब डाला जमीन मालिक द्वारा अपनी जमीन बेचन से इनकार करने पर बच्चा राय ने उस जमीन के चारो ओर बॉंउंड्री मरवा दी। बेचारा जमीन मालिक आज भी उसी चाहरदिवारी के अंदर अपनी मड़ैया में रहने हेतु विवश है।

सूत्र बताते है कि हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच के फोरलेन में बदलने के लिए जब एनएच के किनारे स्थित जमीनों का अधिग्रहण शुरु हुआ तो बच्चा राय ने इसका फायदा उठाते हुए जबरन कब्जा किए जमीन जिसका कागजात उसने कार्यालय की मिली भगत से अपने और अपने पिता राजदेव राय के नाम से बनवा रखा था के नाम पर सरकार से दो करोड़ से अधिक का मुआवजा भी प्राप्त कर लिया। सूत्र बताते हैं कि बच्चा राय ने अपनी काफी पूंजी रियल इस्टेट के कारोबार में भी लगाया है।

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