कुंडा डीएसपी हत्या जांच मामले में बाधा बन रहे एडिशनल एसपी समेत चार थानों के प्रभारियों का तबादला किया जा सकता है.

उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अरुण कुमार का कहना है कि सीबीआई ने लिखित अनुरोध किया है कि डीएसपी जियाउल हक हत्या की जांच को प्रतापगढ़ के चार थानों के प्रभारी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशा राम यादव प्रभावित कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि चूंकि सरकार यह चाहती है कि जांच निष्पक्ष हो इसलिए इन अधिकारियों का तबादला किया जा सकता है.

खबरों में बताया गया है कि कुंडा सर्किल के चार थान- हाथी गांवा, मानिकपुर, कुंडा और नवाबगंज के थाना प्रभारियों को भी हटाया जायेगा.

सीबीआई की जांच टीम ने गृह विभाग को पत्र लिख कर कहा था कि मौजूदा पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति के कारण स्थानीय लोग अपना स्टेमेंट देने से डर रहे हैं.

पिछले 2 मार्च को वलीपुर गांव के मुखिया नन्हे यावद, उनके भाई सुरेश यादव की हत्या कर दी गयी थी. इस घटना की छानबीन करने गये कुंडा के डीएसपी जियाउल हक की भी गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी.

इस घटना के बाद डीएपी की पत्नी परवीन आजाद ने तत्कालीन मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को नामजद अभियुक्त बनाया था. इसके बाद मजबूर होकर रजा भैया को मंत्रिपद से इस्तीफा देना पड़ा था.

इधर सीबीआई का कहना है कि स्थानीय पुलिस के खौफ के कारण लोग इस मामले में कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं. सीबीआई ने पिछले दिनों राजा भैया के चचेरे भाई व विधान पार्षद से भी इस मामले में पूछताछ कर चुकी है.

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