कर्नाटक के कर्तव्‍यनिष्‍ठ/कड़क आईएएस अधिकारी डी के रवि की संदिग्‍ध मौत से देश सदमे में है । भ्रष्‍टाचार के खिलाफ रवि ने कम समय में बड़ी लड़ाई लड़ी थी । इस कारण दुश्‍मन भी काफी बने थे । लेकिन किसी खास दुश्‍मन से जान के भय की शिकायत रवि ने नहीं की थी । फजीहत के बाद कर्नाटक सरकार ने रवि की मौत की वजहों का पता लगाने को जांच सीबीआई देने को कहा है । 10361338_942679932432854_8357862404570530682_n

ज्ञानेश्‍वर, वरिष्‍ठ पत्रकार
पटना में बैठकर रवि की मौत की विवेचना तो मैं नहीं कर सकता । लेकिन कई संगीन व पेचीदी वारदातों की तफ्तीश मैंने करीब से देखी है । जांच में निष्‍कर्ष के पहले किसी भी प्रकार की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जाता । रवि का न कोई सुसाइड नोट मिला है और न ही पहले कोई शिकायत है, इसलिए केस पूरी तरह ब्‍लाइंड है । जांच में रवि की मनोदशा को भी करीबियों से जाना जाएगा ।  जांच खुली है,इसलिए घेरे में 2009 बैच की आईएएस अधिकारी रोहिणी सिंदूरी दसारी का आना भी स्‍वाभाविक है । रवि भी 2009 बैच के ही अधिकारी थे । दोनों का रिजल्‍ट टाप-100 में था । रोहिणी को पहली पोस्टिंग रवि के गृह जिले में मिली थी ।

 

We’ll meet in our next Life
रोहिणी अभी कर्नाटक के ही मंड्या जिला पंचायत की सीईओ हैं । शादी-शुदा भी है रोहिणी । रोहिणी के पति पहले साफ्टवेयर इंजीनियर थे,जिन्‍होंने बाद में रियल इस्‍टेट का कारोबार शुरु किया । कहा जाता है कि डी के रवि तलाक दिलाकर रोहिणी से शादी करना चाहते थे । स्‍वयं रोहिणी सिंदूरी दसवा ने इस मुतल्लिक कर्नाटक के चीफ सेक्रेट्री को बहुत कुछ बताया है । रोहिणी कभी तैयार नहीं हुई,लेकिन रवि हार मानने को तैयार नहीं थे ।  मौत की रात भी रवि ने सबसे अधिक दफे रोहिणी से ही बात की थी । कई मेसेज भी भेजा,जिसमें एक था- “We’ll meet in our next Life.” ऐसे में,इतना तो तय है कि जांच एजेंसी को रोहिणी के करीब भी जाना होगा । वैसे,रोहिणी ने रवि के भेजे मेसेज व ई-मेल वर्तमान जांच टीम को सौंपे हैं । काल डिटेल्‍स भी प्राप्‍त की गई है । रवि जैसे अधिकारी की मौत की वजह तोता-मैना की स्‍टोरी के अंत के रुप में सामने आया,तो मुझे भी दुख होगा । इसका मतलब तो यह निकलेगा कि करप्‍शन के खिलाफ लड़ रहे रवि निजी जिंदगी में अनुशासित नहीं थे । पर,अभी हम सभी को सच केवल सच के सामने आने का इंतजार करना चाहिए ।

By Editor