बिहार के थानों को डिजिटल बनाने का नतीजा अब दिखने लगा है. राज्य के तमाम जिलों में आज कल एवरेज 2200 एफआईआर इंटरनेट पर दर्ज किये जाने लगे हैं.

सांकेतिक फोटो
एफआईआर ऑनलाइन दर्ज करने की पहल केंद्रीय गृहमंत्रालय के दिशानिर्देश पर कोई पांच साल पहले की गयी थी. हालांकि इस लिहाज से आनलाइन एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया अभी भी काफी सुस्त है. इस रफ्तार को तेज करने के लिए गृह मंत्रालय ने कहा है कि वह एनआईसी की मदद से एक वेब पोर्टल बनाए और एफआईआर अपलोड करे।
गौरतलब है कि आनलाइन एफआईआर दर्ज होने से थाना, कोर्ट, अभियोजन, फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री जेल जैसे महकमों को  सीधा फायदा होगा। इन महकमों के अधिकारी ऑफिस में ही किसी एफआईआर को देख सकेंगे। एक महीने में अभी तक करीब 1 लाख एफआईआर ऑनलाइन हुए हैं.
आईजी डॉ.कमल किशोर सिंह के अनुसार वर्ष 2017 के साथ-साथ पिछले दस वर्षों की एफआईआर को वेब पोर्टल पर अपलोड किया जाना है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि एफआईआर को ऑनलाइन किया जाए। इसको देखते हुए इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के तहत यह प्रक्रिया शुरू की गई है.

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