क्या यह यूपी की धमाकेदार जीत का असर है कि भाजपा ने मायावती को ‘वेश्या’ जैसे शब्द से संबोधित करने वाले दयाशंकर सिंह को  चुनाव नतीजे के दूसरे दिन ही  वापस ले लिया? अब सवाल उठने लगा है कि भाजपा की दलित स्वाभिमान की चिंता खत्म हो गयी है?dayashankar-singh-and-swati

उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्य़क्ष केशव प्रसाद मौर्य ने दयाशंकर सिंह को फिर से पार्टी में शामिल करने का औपचारिक ऐलान कर दिया है. गौरतलब है कि यूपी चुनावों की गहमागहमी शुरू होने से पहले जुलाई में यूपी भाजपा के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने मायावती को पैसे ले कर टिकट देने वाली नेता कहा था. इसी दौरान उन्होंने मायावती पर अभद्र टिप्पणी करते हुए ‘वेश्या’ तक कह डाला था.  गत जुलाई में दिये उनके इस बयान से यूपी की सियासत में भूचाल सा आ गया था और भाजपा को बैकफुट पर आना पड़ा था. इसके बाद भाजपा ने दयाशंकर सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निकालर दिया था.

दयाशंकर सिंह की इस अमर्यिदत टिप्पणी के बाद मायावती के समर्थकों ने काफी हंगामा मचाया था और उनक परिवार वालों के लिए भी अभद्र टिप्पणी की थी. इसके बाद भाजपा ने दलितों की नाराजगी से बचने के लिए दयाशंकर सिंह को निलंबित कर दिया था. लेकिन अब चुनाव में भारी जीत के बाद उनके छह साल के निलंबन को वापस ले लिया गया है.

याद रहे कि दयाशंकर सिंह के निलंबन के बाद उनकी पत्नी स्वाति सिंह को लखनऊ के सरोजनीनगर से चुनाव में उतारा गया था और उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की.

 

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