भारतीय विशिष्टस पहचान प्राधिकरण ने 51 करोड़ आधार नंबर जारी किए

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने अब तक 51 करोड़ आधार नंबर जारी किए हैं।

सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रतिदिन करीब 11 लाख आधार नंबर जारी किए जाते हैं और अगले कुछ महीनों में यह प्रमुख कार्यक्रम 60 करोड़ लोगों को आधार नंबर देने का लक्ष्य पूरा कर लेगा।adhar

योजना आयोग से संबद्ध यह कार्यालय सरकारी अधिसूचना के जरिए जनवरी 2009 में स्था पित किया था।

यूआईडीएआई विभिन्नं स्तयरों पर आंकड़े इक्ट्ठेज कर तथा हाथों की उंगलियों के निशान और आंख की पुतली जैसी बायोमीट्रिक पहचान संबंधी जानकारी इक्ट्ठा करने के बाद यूआईडीएआई ने 29 सितंबर 2010 को पहला आधार नंबर जारी किया था।

आंध्र और दिल्ली में 90 प्रतिशत

यूआईडीएआई ने नवम्बंर 2011 तक 8 करोड़, नवंबर 2012 तक 15 करोड़ आधार नंबर जारी किए तथा पिछले 12 महीनें में और 28 करोड़ आधार नंबर जारी किए गए। 11 राज्योंह और केंद्रशासित प्रदेशों में अब आधार का स्तमर संतृप्ताा के स्तरर, 75 प्रतिशत या इसके ऊपर पहुंच चुका है, जबकि आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, दिल्लीय और चंडीगढ़ में यह स्तरर 90 प्रतिशत से भी ऊपर पहुंच गया है। आधार के लिए नामांकन पूर्ण रूप से स्वैेच्छिक है और केंद्र तथा राज्यल सरकारों की कई योजनाओं एवं कार्यक्रमों के लिए आधार नंबर का उपयोग, पहचान या पते के सबूत के रूप में किया जाता है।

चार करोड़ से ज्यािदा आधार नंबर धारकों ने अपने बैंक खाते को आधार के साथ जोड़ा है, ताकि बैंकों से जुड़ी आधार प्राप्त भुगतान सेवाओं का लाभ उठा सके। आधार से जुड़े हुए बैंक खाता धारक दूसरी पार्टी को अपने बैंक के बारे में जानकारी दिए बिना आधार नंबर का स्थाुयी वित्तीकय पते के रूप में इस्ते माल कर राशि भेज या प्राप्त कर सकते हैं।

आधार नंबरों का उपयोग कर सीधे लाभ हस्तांशतरण (डीबीटी) सहित केंद्र और राज्य‍ सरकारों के कई कार्यक्रमों/परियोजनाओं का फायदा उठाया जा सकता है। देश के 121 जिलों में 28 केंद्रीय परियोजनाओं के लिए तथा 95 जिलों में तरल पेट्रोलियम गैस (डीबीटीएल) के लिए चरणबद्ध आधार पर डीबीटी की शुरूआत की गई।

By Editor