तीस करोड़ लोगों की शैय्या अभी तलक है फ़र्श/ भारत की आज़ादी को यारों बीते उनहत्तर वर्ष …… दुनियां में हमारा देश भारत सबसे निराला है/ जमाने से जमाने में इसी का बोलबाला है …….…… हम अँधेरों की खातिर उजाला बनें/ सरहदों के लिए हम हिमाला बनें ………………… देश के हालात और देश भक्ति को उजागर करने वाली इन और ऐसी हीं उम्दा गीतो-गज़ल से बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का परिसर गुँजता रहा और सुधी श्रोता दिन के प्रथम प्रहर से तीसरे प्रहर तक आनंद उठाते रहे।DSCN1438

अवसर था, स्वतंत्रता दिवस समारोह और इस मौके से आयोजित राष्ट्रीय गीतोत्सव का, जिसमें कवियों शायरों ने एक से बढकर यादगार गीत और गज़ल पढे, जिनमें देश की सीमाओं से बाहर निकल कर गज़ल पढनेवाली कवयित्री आराधना प्रसाद भी शामिल थीं।

कवि सम्मेलन का आरंभ कवयित्री सरोज तिवारी द्वारा सस्वर प्रस्तुत देश भक्ति गीत से हुआ। वरिष्ठ कवि बलभद्र कल्याण ने देश वासियों का इन पंक्तियों से आह्वान किया कि,”आइए हम आज मिलकर अपने देश की बातें करें/ सत्य, शिव, सुंदर सुखद परिवेश की बातें करें”। चर्चित कवयित्री आराधना प्रसाद ने भारत की महिमा का इन शब्दों गान किया कि,” दुनिया में हमारा देश सबसे निराला है/ जमाने से जमाने में इसी का बोलबाला है”।

वरिष्ठ शायर आरपी घायल ने कहा कि, “ यह सुना है कि तरसा किये देवता, झील, झरना, नदी इक चमन के लिए/ हम अँधेरों की खातिर उजाला बनें/ सरहदों के लिए हम हिमाला बनें/ दम भी निकले हमारा तो ऐसा लगे / हँसते-हँसते ही निकला वतन के लिए”। सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने इस अवसर के अनुकूल अपनी रचना सामयिक रचना का पाठ करते हुए, देश की हालात पर इन शब्दों में चिंता व्यक्त की कि, “ तीस करोड़ लोगों की शैय्या अभी तलक है फ़र्श/ भारत की आज़ादी को बीते उनहत्तर वर्ष/ बीते उनहत्तर वर्ष देश के रहनुमाओं बोलो/ सच्ची आज़ादी की खातिर कैसा हो संघर्ष”।

सम्मेलन के उपाध्यक्ष पं शिवदत्त मिश्र, कवि राज कुमार प्रेमी, आचार्य आनंद किशोर शास्त्री, डा रमाकान्त पाण्डेय, आचार्य आनंद किशोर शास्त्री, शालिनी पाण्डेय, डा आर प्रवेश, ओम प्रकाश पाण्डेय, वरिष्ठ शायर नाशाद औरंगाबादी, आबिद नकबी, डा कासिम खुर्शीद, योगेन्द्र प्रसाद मिश्र, डा विनय कुमार विष्णुपुरी, डा रमाकांत पाण्डेय, बांके बिहारी साव, कमलेन्द्र झा क्मल, कुमारी मेनका, अनिल कुमार सिन्हा, आदि कवियों शायरों ने भी अप्ने गीतो-कलाम का पाठ किया।

इसके पूर्व सम्मेलन-प्राँगण में सम्मेलन-अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने झंडोत्तोलन किया। अतिथियों का स्वागत सम्मेलन के वरीय उपाध्यक्ष नृपेन्द्रनाथ गुप्त ने, मंच का संचालन योगेन्द्र प्रसाद मिश्र ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रबंध मंत्री कृष्ण रंजन सिंह ने किया।

 

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