उत्तरप्रदेश सरकार ने फैजाबाद के डीएम और एसपी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. इन दोनों अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने दंगे से निपटने में सूझबूझ का परिचय नहीं दिया.

दंगे में दो लोगों की जान चली गई थी

अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में दुर्गा पूजा के अवसर पर भड़के दंगे में दो लोगों की जान चली गई थी और दर्जनों दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया था.

फैजाबाद के डीएम और एसपी पर आरोप लगे थे कि ये एक खास समुदाय के लोगों को ही गिरफ्तार कर रहे हैं.

डीएम दीपक अग्रवाल की जगह अजय कुमार शुक्ला को लाया गया है.जबकि एसपी रमित शर्मा के बदले रमेंद्र यादव को फैजाबाद की कमान सौंपी गई है.

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बताया जा रहा है कि एडीजी( कानून व्यवस्था) जगमोहन यादव को भी हटा दिया गया है और उनकी जगह ओपी सिंह को लाया गया है.
खबरों में बताया गया है कि फैजाबाद में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने प्रशासन के रवैये के खिलाफ प्रदर्शन किया था. और कर्फ्यू में ढ़ील के बावजूद इस समुदाय के लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखी थीं.

फैजाबाद के एक स्थानीय नागरिक यहिया ने पॉयोनियर को बताया कि आधी रात को चार सौ से अधिक पुलिस वालों ने उनके मुहल्ले में घुस कर लोगों को टर्चर किया और जबरन हिरासतमें ले लिया.

इस बीच पीस पार्टी के राज्य सचिव नुसरत कुद्दूसी ने अखिलेश यादव सरकार पर आरोप लगाया है कि वह 2014 लोकसभा चुनावों के मद्देनजर साम्प्रदायिक कार्ड खेल रही है.
इधर पुलिस का कहना है कि इस दंगे के बाद उसने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है.

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