पिछले करीब 9 महीने से निलंबित दिल्‍ली विधान सभा को आज भंग कर दिया गया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल नजीब जंग की सिफारिश पर अपनी मुहर लगा दी। राष्‍ट्रपति की सहमति के बाद विधानसभा चुनाव का रास्‍त साफ हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आपात बैठक में यह मंजूरी दी गयी। इससे पहले श्री जंग ने विधान सभा भंग करने की गृह मंत्रालय से सिफारिश की थी।   प्रधानमंत्री निवास पर मंत्रिमंडल की करीब आधे घाटे तक चली बैठक में यह निर्णय लिया गया।najeeb-jung_6

नौकरशाहीडॉटइन डेस्‍क

 
इससे पहले दिल्ली में किसी भी राजनीतक दल की ओर से सरकार बनाने पर अर्समथता जताने के बाद श्री नजीब जंग ने इस बारे में अंतिम फैंसला लेते हुए राष्ट्रपति से विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी है।   उपराज्यपाल ने दिल्ली में सरकार के गठन को लेकर सोमवार को सभी दलों के नेताओं से उनकी राय जानने के लिए बैठक बुलायी थी। इसमें दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतकर आयी भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल से स्पष्ट कर दिया था कि वह दिल्ली में सरकार नहीं बनाएगी। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पहले से ही चुनाव की मांग कर रही हैं। ऐसे में उपराज्यपाल के पास इसके सिवा और कोई विकल्प नहीं रह गया था कि वह दिल्ली में विधानसभा भंग करके दोबारा चुनाव की राष्ट्रपति से सिफारिश करें।

 
तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा दे देने के बाद दिल्ली में विधानसभा 17 फंरवरी से निलंबित है, जिसके बाद से यहां राष्ट्रपति शासन लागू है। संविधान के अनुसार विधानसभा भंग होने के छह महीने के अंदर चुनाव आयोग को दिल्ली में चुनाव कराने होंगे। ऐसे में नए चुनाव अगले वर्ष अप्रैल के पहले हर हाल में हो जाने चाहिए। संभावना है कि जनवरी में मतदाता सूची का नवीनीकरण होने के बाद फंरवरी में विधानसभा चुनाव हेा जाएंगे।

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