बिहार सरकार ने दिव्यांगों के कल्याण एवं उनके सशक्तिकरण के लिए राज्य सलाहकार बोर्ड के गठन की मंजूरी देते हुये उन्हें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में मिलने वाले आरक्षण की सीमा बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दी है। 

मंत्रिमंडल का फैसला


मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर सचिव उपेंद्र नाथ पांडेय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिपरिषद् की बैठक के बाद बताया कि सरकार ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 66 के तहत दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए राज्य सलाहकार बोर्ड के गठन तथा उन्हें सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में मिलने वाले आरक्षण की सीमा तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
श्री पांडेय ने बताया कि सलाहकार बोर्ड का काम दिव्यांगों के कल्याण के लिए संचालित सभी प्रकार की योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा-समन्वय, नीति का निर्धारण एवं विकास संबंधी कार्य, दिव्यांगों की सुलभ पहुंच के लिए उन्मुक्त वातावरण का निर्माण, कार्यक्रमों का मूल्यांकन एवं उनकी निगरानी करना है।
अपर सचिव ने बताया कि दिव्यांगों के लिए गठित सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष समाज कल्याण मंत्री होंगे। वहीं, समाज कल्याण विभाग, शिक्षा, वित्त, सामान्य प्रशासन, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, उद्योग, नगर एवं आवास, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, कला एवं संस्कृति और परिवहन विभाग के सचिव बोर्ड के सचिव होंगे। उन्होंने बताया कि बोर्ड में बिहार विधानमंडल के तीन सदस्य शामिल होंगे, जिनमें से दो का निर्वाचन विधानसभा और एक का विधान परिषद द्वारा किया जायेगा।
श्री पांडेय ने बताया कि मंत्रिपरिषद् की बैठक में कुल 15 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई।

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