मोकामा के जद यू एमएलए अनंत सिंह  जो भी कहते हैं बेबाकी से कहते हैं. और उनके विवाद में रहने का भी यही कारण है. पढिये इस बेबाक बातचीत की पहली किस्त जिसमें उन्होंने सहजता से सारी बातें बतायीं हैं.
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इर्शादुल हक, सम्पादक नौकरशाही डॉट इन

अनंनत सिंह का नाम मीडिया में कभी भी साकारात्मक खबरों के लिए नहीं आता. क्यों?

विरोधी तो खराबे चीज न बोलेंगे.बन्हिया क्या बोलेंगे.

अखबार भी आपके विरोधी हैं?

हां. कुल त विरोधे चलाता हा हमारा. जो पत्रकार बन्हिया हैं ऊ बन्हिया चलाते हैं. कुछ हैं.. हरदम विरोधे चलाता है.

अनंत सिंह के नाम से विवाद कब खत्म होगा?

जब अनंत सिंह मरेगा

आपके नाम के साथ विवाद कब से शुरू हुआ?

इगारे बरस के उमर से. हम गलत लोगों को बकसते नहीं थे.कोई माव-वेटी को छेड़ता था तो हम उसको नहीं छोड़ते थे.मेरा गाड़ी चलता है.उस पर अगर महिला आयेगा. तो डीएसपी,एसपी कोई बैठल है ओकरा उठे पड़ेगा. ई हमरा गाड़ी में लिखल है. जा के देख ला. कोई पियाक हमरा गाड़ी में बैठ नहीं सकता.

लेकिन समाज के एक वर्ग में अनंत सिंह को सम्मान की नजर से देखा जाता है

ऊहे तो हम कह रहे हैं. हम गरीब-गुरबा के रक्षा करते हैं. जो गरीब का शोषण किया उसके खिलाफ हम खड़े हो जाते थे. तो बच्पन्ने से खचड़ा में हमरा नाम हो गया. हम पहले कोमनिस्ट पार्टी में थे. कोमनिस्ट पार्टी गरीब-गुरबा के पार्टी है. गरीब के हम खुब्बे मदद करते थे. गरीब-गुरबा के बियाह हम करवाते थे. अपन खर्चा से.

 

कौन हैं अनंत सिंह

अनंत सिंह बिहार के मोकामा से जनता दल यू के एमएलए हैं. वह इस क्षेत्र की तीसरी बार नुमाइंदगी कर रहे हैं. अनंत सिंह को बिहार में कुछ लोग एक दबंग और बाहुबली के रूप में जानते हैं तो ऐसे लोगों की संख्या भी काफी है जो उन्हें देवता के रूप में देखते हैं. उन पर हत्या, फिरौती और अन्य किस्म के सैकड़ों मामले हैं लेकिन अभी तक ज्यादातर मामले लम्बित हैं या खत्म हो गये. अनंत सिंह को गरीबों के एक बड़े वर्ग की हिमायत हासिल रही है तो एक वर्ग उनका घोर मुखालिफ है. अनंत खुद भी दावा करते हैं कि उन्होंने अभी तक 20 हजार से ज्यादा गरीब व यतीम लड़कियों की शादी करायी है. अनंत सिंह को पारिवारिक विरासत में कई सौ एकड़ जमीन मिली है तो पटना जैसे शहर में अरबों की सम्पत्ति उन्होंने हासिल की है.

हाल ही में उन्होंने पटना के हृदय फ्रेजर रोड में एक मॉल बनवाया है जो विवादों के घेरे में है. अनंत सिंह के शौक की अपनी अलग कहानी है. कीमती घोड़ों और बग्घी की सवारी के लिए वह मशहूर हैं तो  उनका दूसरी तरफ उनका कहना है कि उन्होंने जीवन में कभी रेलगाड़ी और हवाई जहाज से सफर करने के लिए अपने कोटे की राशि का पूरा उपयोग नहीं किया.

 

 

अब तक गरीबों की कितनी शादियां आपने करवायी हैं?

अभी तक कम से कम बीस हजार.

बीस हजार… ?

हां.  उसके अलावा ऐइजा सरकारी आवास में 27 गो शादी करवाये हैं.

अगर निजी पैसे से आपने बीस हजार शादियां करवायीं हैं तो आपने इतिहास रच दिया?

हां. हम इतिहास रचिये दिये हैं.

अनंत सिंह को नाम है, यश है, पैसा है, शोहरत भी है तो बदनामी भी है. अब क्या चाहिए?

हम तो भगवान से अब तक कुछ मांगबो न किये हैं. सब फाजिले में मिलता है हमको. ईहां आने के लिए, विधायक बनने के लिए हम कभी नहीं चाहे. काहेके ई झूठ आ लंद-फंद का काम हमसे नहीं होगा. हम पहले 12 साल साधु रह चुके हैं. हम झूठ बोलिए नहीं सकते हैं. हम कटना पसंद करेंगे, झूठ बोलिए नहीं सकते.

अब आपकी क्या इच्छा है?

हमरा इच्छा है कि साधु बनते.एह लाइन से हमरा छुट्टी मिल जाता. मंदिर में जा के साधु बने के इच्छा है.

अगर आपको मुख्यमंत्री बनाया जाये?

नह. एक दम नहीं.

मंत्री?

ना कोए चीज नहीं. विधायक में कोए तरह से काम चला लेते हैं. मंत्री बनेंगे हम?

कुछ लोग कहते हैं कि आप लोगों को मंत्री बनवाते हैं. अफजल इमाम को आप ही ने पटना का मेयर बनवाया?

हेह. तो पब्लिक से हाथ जोड़के न बनवाये हैं. मंत्री बनें तो लोग कहेगा जे लूट लिये कुले. तो ऊ पद पर हम काहे जायें. लोग कहेगा जे मंत्री बनके मॉल बनवा लिए. तो ऊ पद पर हम काहे जायें?

आपको अपने जीवन में किस चीज के लिए पछतावा रहेगा?

हमको जीवन में एक्के चीज ला पछतावा है.हम भगवान से हरदम कहे कि हमको आपके द्वारे जाना चाहिए.वहां हम नई गिये, ये पछतावा हमको हर दम खलता है.हमको यहां रहने का कभी मन नहीं था लेकिन भगवान को रखना है तो रहते हैं. लड़ाइए झगड़ा में. हमरा 27 जगह गोली लगा है.

जीवन में आपकी क्या इच्छा थी?

इच्छा कभी नहीं रही कि मेरे पास पैसा कौड़ी हो जाये. इच्छा एकोगो था कि प्रभु के द्वारे जायें और गरीब को सेवा करें लेकिन ऊ नई हुआ.

आपने अपने जीवन में सबसे बड़ा पुण्य क्या किया है?

कोई पुन नहीं किये हैं. कुछ सामाजिक काम किये हैं.बस.

आपने जीवन में सबसे बड़ा पाप क्या किया हैं?

हथियार उठाये हैं. लेकिन यह धर्मयुद्ध के लिए. कोई पैसा के लिए नहीं किये.

अगर यह धर्मयुद्ध हुआ तो फिर पाप कहा हुआ?

हां तो धर्मयुद्ध के लिए किये हैं. हम पाप नहीं किये हैं.

आपके बच्चे अनंत सिंह की तरह बनेंगे?

नई. किसी भी जीवन में नई. हमतो कहेंगे कि भगवान ना करे कि हमरा नियर ई ग्रह में आवे. वोही से तो जरिके गो से ऊ सबको बाहर भेज दिये पढ़े लेल.

कहां पढ़ते हैं बच्चे?

बगल में बैठे किसी से पूछते हुए… कहां पढ़ता है जी. देहरादून में पढ़ते हैं बच्चे.

आप अपने बच्चे को क्या बनाना चाहेंगे?

ऊ कोई-कोई बोलता है आईपीएस.वैसे कोए बच्चा से पूछिएगा तो यही कहेगा. लेकिन हमको कहना था कि ज्ञानी बने. अपन कारबार देखे. सज्जन अदमी बने, चोर चिल्लर नई बने. ई नई कि नौकरी-चाकरी करे, ई हमरा मन नई है. हम ई भी नहीं चाहते हैं कि हमरा बाल-बच्चा नेतागिरी में भी आवे. लेकिन ई जमाना में केकर, के मानता है ?

 साक्षात्कार के दूसी और अंतिम किस्त में पढ़िये अनंत सिंह से जुडे विवाद, राजनीति और भी बहुत कुछ.  हमे आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा

By Editor

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