नक्सली समस्या का सामना कर रहे 8 राज्यों के प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाने की महत्वाकांक्षी योजना में देरी पर सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नाराजगी जताई है।  नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सडकों का जाल बिछाने के लिए फरवरी 2009 में इस योजना का पहला चरण शुरू किया गया था, जिसके तहत इन क्षेत्रों में 73000 करोड रूपये की लागत से 5565 किलोमीटर सडक बनाने का लक्ष्य रखा गया था। इसमें से 1202 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग और 4363 किलोमीटर राज्यों की सडकें थी। ये सडकें आन्ध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में बनाई जानी हैं। 06IN_NITIN_GADKARI_121684f

 

सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय को हाल में मिली एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस योजना का काम बहुत धीमी गति से चल रहा है तथा पहले चरण का अभी केवल 60 फीसदी काम ही पूरा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष रूप से छत्तीसगढ़ और झारखंड में इस काम की प्रगति औसत से कम है।  केन्द्रीय सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस परियोजना में आ रही बाधाओं को दूर करने तथा इसके काम में तेजी लाने के उद्देश्य से कल छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर में नक्सल प्रभावित 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी। बैठक में गृह राज्य मंत्री हरिभाई परथीभाई चौधरी ने भी भाग लिया था। इसके अलावा इन राज्यों के लोक निर्माण विभाग मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया था।

 

मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही नक्सली समस्या को सबसे बडी चुनौती मानते हुए इससे निपटने के लिए विकास पर आधारित संतुलित नीति अपनाने की घोषणा की थी। सरकार का कहना है कि वह इन क्षेत्रों में विकास कार्यों  को तेज कर इन्हें समाज की मुख्यधारा से जोडे़गी। इसके लिए सरकार इन क्षेत्रों में आवागमन को सुगम बनाने को प्राथमिकता दे रही है ।

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