ऑल इंडिया युनाइटेड मुस्लिम मोर्चा के संरक्षक व पूर्व सांसद डॉ. एम एजाज अली ने नोटबंदी को मंडल-2 की संज्ञा देते हुए कहा कि जहां मंडल-1  से गरीबों, पिछड़ों को प्रशासनिक-राजनीतिक सशक्तिकरण का अवसर मिला था वहीं नोटबंदी से दलितों-पिछड़ों और गरीबों का आर्थिक सशक्तिकरण होगा.

एजाज अली पूर्व सांसद हैं
एजाज अली पूर्व सांसद हैं

नौकरशाही डॉट कॉम के सम्पादक इर्शादुल हक को दिये साक्षात्कार में एजाज अली ने नोटबंदी पर मोदी सरकार का खुल कर समर्थन करते हुए कहा कि नोटबंदी काले धन पर निर्णायक प्रहार तो है ही यह जमाखोरों के ऊपर भी जोरदार हमला है. उन्होंने कहा कि चंद बड़े घरानों, जमाखोरों और कार्पोरेट पूंजी के वाहकों  के खिलाफ नोटबंदी एक निर्णायक लड़ाई है.

एजाज अली ने यहां तक कहा कि नोटबंदी से न सिर्फ आतंक व नक्सली फाइनासिंग की कमर टूटेगी बल्कि देश भर में दंगा भड़काने वाले फाइनांसरों पर भी इस फैसले से जरदार चोट पहुंचेगी. एजाज अली ने कहा कि पिछले 70 वर्षों से देश की सम्पत्ति को लूटने वाले नोटबंदी के जोरदार हमला से कराह रहे हैं.

नोटबंदी से न सिर्फ आतंक व नक्सली फाइनासिंग की कमर टूटेगी बल्कि देश भर में दंगा भड़काने वाले फाइनांसरों पर भी इस फैसले से जरदार चोट पहुंचेगी

एजाज अली ने देश की जनता का आह्वान किया कि वे नोटबंदी के फैसले के पक्ष में सामने आयें क्योंकि नोटबंदी दर असल मंडल पार्ट-2 की लड़ाई है.

गौरतलब है कि मंडल कमिशन की अनुसंशा को लागू कर केंद्र की तत्कालीन वीपी सिंह सरकार ने ने पिछड़ी जातियों को केंद्र सरकार की नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित कर दिया था. मंडल कमिशन का हवाला देते हुए एजाज अली ने कहा कि मंडल आंदोलन ने देश की राजनीति की दिशा को बदल दिया था. उन्होंने कहा कि आज क्षेत्रीय राजनीति पर मजबूत पकड़ रखने वाले तमाम नेता मंडल आंदोलन की उपज हैं. उन्होंने कहा कि मंडल आंदोलन न होता तो मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और राम विलास पासवान जैसे नेता नजर नहीं आते.

उन्होंने कहा कि देश की राजनीति से सामंतवादी व ब्रह्मणवादी राजनीति को मंडल आंदोलन ने चुनौती दी और अब देश के आर्थिक तंत्र पर नोटबंदी के बाद गरीबों, मजदूरों, पिछड़ों की पकड़ मजबूत होगी. एजाज अली ने कहा कि नोटबंदी का अल्पकालिक नुकसान चाहे जो हो लेकिन दीर्घकालिक लिहाज से यह गरीबों के लिए ऐतिहासिक कदम होगा.

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